जमशेदपुर : शहर का सबसे संवेदनशील इलाका मानगो को ही माना जाता है. मानगो थाने में टाइगर मोबाइल के रूप में पदस्थापित जवान रामदेव महतो जिले का पहला जवान है जो किसी बदमाश से लोहा लिया था. उसने अपनी मंशा में सफलता भी पाई थी, लेकिन गोली लगने से उसकी मौत हो गई. उसकी दिलेरी की चर्चा सिर्फ जमशेदपुर और पूरे झारखंड में ही नहीं बल्कि आस-पड़ोस के राज्यों में भी हो रही है.
रामदेव के सीने पर गोली लगी थी. इस कारण से उसने चंद घंटों में ही दम तोड़ दिया था. हालाकि घटना के बाद वरीय पुलिस अधिकारी उसका टीएमएच में ठीक से इलाज करवा रहे थे, लेकिन डॉक्टर उसे नहीं बचा सके.
निर्मल टुडू ने भी दिया दिलेरी का परिचय
मानगो गोलीकांड में साथी को खो बैठा निर्मल टुडू ने भी शुक्रवार को दिलेरी का परिचय दिया था. उसने साथी को गोली लगने के बाद भी एक बदमाश को दबोच लिया था. उसे तनिक भी भय नहीं लगा कि उसपर भी बदमाश गोली चला सकते हैं.
एसएसपी ने निर्मल की पीठ थप-थपाई
निर्मल की ओर से दिलेरी का परिचय दिए जाने पर एसएसपी किशोर कौशल ने उसकी पीठ थप-थपाई है. एसएसपी ने कहा कि वे उसे सम्मानित करने के लिए वरीय अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं.
क्या हुआ था शुक्रवार की सुबह 11.30 बजे
शुक्रवार की सुबह आजादनगर रोड नंबर 16 में बाइक सवार छह बदमाशों ने टांडा उर्फ सज्जाद को गोली मारी थी. घटना के बाद टाइगर मोबाइल जवान रामदेव और निर्मल ने बदमाशों को पकड़ने के लिए उसका पीछा किया था. इस बीच दो बदमाशों को रामदेव और एक को निर्मल ने पकड़ा था. इस दौरान ही एक बदमाश ने रामदेव के सीने पर गोली चलाई थी. घटना के बाद टीएमएच में इलाजरत टांडा और रामदेव दोनों की ही मौत हो गई थी.