जमशेदपुर।
पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ क्षेत्र के महुलीशोल मनसा मेला में मनसा पूजा और झापान का आयोजन हुआ. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में उड़ीसा, बंगाल एवं झारखंड से मान मनसा के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. धालभूमगढ़ के महुलीशोल में वर्ष 1799 से मनसा पूजा और झापान का आयोजन हर वर्ष होता रहा है. जहां जंगल से पकड़े गये नागों को पूजा के बाद गले में लपेट कर ग्रामीण दिघी बांध तक जाते हैं. यहां सापों को नहलाने के बाद घट लेकर मनसा मंडप में पूजा की जाती है. पूजा के दौरान गांव के लगभग सभी घरों में उनके कुटुंब पहुंचते हैं. लोगों की भारी भीड़ रहती है. झापान को देखने दूसरे राज्यों से लोग पहुंचते हैं. इस साल निखिल दास और तुषार पंडित झापान की पालकी पर गले में नागों को डाल कर बैठे थे. नाग उन्हें डस भी रहे थे, लेकिन इसका उन पर कोई असर नहीं हो रहा था. यहां लगातार तीन दिनों तक विभिन्न प्रकार के आयोजन होते हैं. लोगों में मनसा देवी के प्रति विशेष भक्ति का भाव झापान में होता है. भक्त आस-पास के घने जंगलों से पकड़े हुए नाग की पूजा करते हैं। पूजा के समाप्ति के बाद फिर उसे जंगल में छोड़ देते हैं। ग्रामीणों की ऐसी आस्था है कि हर वर्ष यह पूजा करने से मां मनसा की कृपा बनी रहती है। जिससे गांव में सर्पदंश की घटना ना के बराबर होती है। ऐसी मान्यता है कि जिन भक्तों ने यहां मन्नते मांगी है। उसकी मन्नतें हमेशा पूरी हुई है। मन्नत पूरा होने के बाद वे लोग यहां पूजा करने के लिए दोबारा जरूर आते हैं। सीमावर्ती क्षेत्र उड़ीसा, बंगाल से भी यहां भक्तगण पूजा करने पहुंचते हैं।
वहीँ सरायकेला खरसावां जिले के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में नागों की माता मनसा की धूमधाम के साथ पूजा-अर्चना की जा रही है। पूरा अनुमंडल मां मनसा की भक्ति में लीन है और पूरा वातावरण भक्तिमय हो गई है। भक्तों ने मां मनसा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की और खुशहाली की कामना को लेकर आराधना की। भक्तों ने शाम को तालाब एवं नदी से घट में जल लाकर स्थापित किया। गुरुवार की तड़के सुबह बतख की बलि दी जाती है और लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में मनसा पूजा की काफी धूम रहती है। ऐसी मान्यता है की मां मनसा की पूजा अर्चना करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। मां मनसा पूजा को लेकर लोगों में काफी उत्साह है।
ईचागढ व कुकङु प्रखंड क्षेत्र में भी चारों ओर मनसा पुजा की धूम रही। बुधवार को कलश स्थापना के साथ रात भर नाग माता बिषहरी मां मनसा देवी की पुजा अर्चना की गयी। पूरी रात तांत्रिक साधना व सावर मंत्रों को सिद्ध करने का साधना मनसा मंदिरों में किया गया। इस क्षेत्र में क्षेत्र में लगातार एक महिने तक मां मनसा देवी की पुजा किया जाता है जो बंगला श्रावण संक्रांति से शुरू होकर अपने सुविधा के अनुसार पुरे भादो माह तक मां मनसा देवी की पूजा की जाती है जो विश्वकर्मा पूजा के दिन तक चलेगा। पुरे महिने हाट बाजारों में मनसा पुजा को लेकर बत्तख, बकरा की बिक्री जोरों पर है। माता के भक्तों ने पूजा अर्चना कर सुख शांति समृद्धि को लेकर वरदान मांगे। कुकङु मनसा कमेटी द्वारा भजन संध्या का भी आयोजन किया गया है , जो पूरी रात चलेगा..