पोटका :वीर शहीद दुसा-युगल का 234वां जयंती समारोह पोटका के सारसे चौक पर मनाया गया. इस अवसर पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर पूजा-अर्चना की गई. साथ ही उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया गया.
हिमांशु सरदार ने कहा कि अंग्रेजों के लगान और नील की खेती के विरोध में दोनों भाइयों ने जोरदार आंदोलन किया था. आदिवासियों की रक्षा की थी. इसी को लेकर हम सब आज संकल्प ले रहे हैं कि हम सभी जल, जंगल, जमीन की रक्षा करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलेंगे. उनकी याद में पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित होकर आदिवासी रीति-रिवाज के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.
प्रत्येक साल होता है भव्य आयोजन
प्रत्येक वर्ष दुसा-युगल के मूर्ति पर पूजा-अर्चना कर धूमधाम के साथ जयंती समारोह का आयोजन किया जाता है. दोनों भाइयों का जन्म 23 फरवरी 1790 को हुआ था. 1832-34 में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन करने के कारण इन दोनों भाइयों को फांसी की सजा दी गई थी.