सरायकेला-खरसावां : जहां केन्द्र सरकार मजदूरों को 100 दिन रोजगार देने के लिए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना देश मे चला रही है । वहीं राज्य सरकार कोरोना काल मे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा योजना मे काम देकर पलायन रोकने का कोशिश कर रही है । मनरेगा योजना के तहत कुँआ, डोभा, तालाब आदि निर्माण कार्य गांव मे कराया जा रहा है । मनरेगा योजना मे सप्ताहिक मजदूरी भूगतान किया जाता है ।जबकी सरायकेला-खरसवां जिला के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र मे मनरेगा मजदूरों को 45 दिन बाद भी मजदूरी नही मिल रही है । ईचागढ़ के सितु, सोङो, तुता आदि पंचायतों मे मनरेगा योजना के तहत कुंआ आदि का कार्य किया जा रहा है । मनरेगा जाँब कार्ड धारी मजदूर दिन भर चिलचिलाती धुप में काम कर रहे हैं , मगर मनरेगा मजदूरों को 45 दिन कार्य करने के बाद भी फंड अनुपलब्धता बताकर मजदूरी भूगतान नही किया जा रहा है । कोरोना काल मे झारखंड प्रदेश मे लगे आंशिक लाँकडाउन मे जहां ग्रामीण आर्थिक संकट से जुझ रहे हैं । वहीं मजदूरों को मनरेगा योजना मे मजदूरी नही मिलने से मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पङ रहा है । मनरेगा कुँआ मे काम कर रहे मजदूरों ने बताया की 45 दिन से कार्य दिवस मे लगातार काम कर रहा हुँ । 45 दिन गुजरने के बाद भी मजदूरी भुगतान नही हुआ है । बैंक का चक्कर लगा रहा हूँ ,मगर खाते मे पैसा नही आया है । मजदूरों ने बताया की मेट को पूछने पर फंड का कमी बताता है ।