जमशेदपुर : पूर्व सांसद सह आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि आपने रामलला के पत्थर की मूर्ति में कल भव्य रूप से प्राण-प्रतिष्ठा अर्पित किया. न्याय के लिए रामराज का उद्घोष किया. परंतु क्या यह रामराज आदिवासी-गांव समाज के लिए जीवनदायी हो सकता है? जहां जीवित व्यक्ति का प्राण और प्रतिष्ठा को गला दबाकर मारने का काम प्रथा, परंपरा, रूढ़ी आदि के नाम पर रोज चालू है. इसमें महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का गांव और परिवार भी शामिल है.
