चाईबासा : सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने गोईलकेरा और सोनुआ में ट्रेनों के ठहराव को लेकर रेलवे को दस दिनों का समय दिया है। गीता कोड़ा ने कहा की कोरोना के नाम पर ट्रेन सेवा से सिंहभूम की गरीब जनता को दूर करने का खेल चल रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण चक्रधरपुर रेल मंडल से सटे गोईलकेरा और सोनुआ स्टेशन है। कोरोना से पहले एक्सप्रेस ट्रेनें रुकती थी लेकिन कोरोना के कारण ट्रेनों का ठहराव यहाँ से उठा लिया गया है। जिसके कारण यहाँ रहने वाले
लोगों को ट्रेन सुविधा नहीं मिल पा रही है। कोरोना के कारण पहले तो यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद किया गया। जब ट्रेन चलाई गयी तो ट्रेन को स्पेशल ट्रेन बना दिया गया। नये नियम थोप दिए गए। अब कोरोनाकाल में भी ट्रेन चल रही है, लेकिन गरीबों को ट्रेन की सुविधा नहीं मिल पा रही है। सोनुआ, गोईलकेरा स्टेशन के आस-पास रहने वाले लोग केवल ट्रेनों को पार होता हुआ देख रहे हैं, लेकिन इसपर सफ़र नहीं कर पा रहे। यहाँ के लोगों से रेल सेवा छीन ली गयी है। ट्रेनों का परिचालन अब पहले की तरह ही हो रही है और रेल मंडल को माल ढुलाई से लेकर यात्री ट्रेनों में अच्छी खासी आमदनी हो रही है। सांसद गीता कोड़ा ने कहा की रेलवे को उनके द्वारा दस दिन का समय दिया गया है। कल मंगलवार को सांसद गीता कोड़ा चक्रधरपुर रेल मंडल मुख्यालय का दौरा करेंगी और डीआरएम से मिलकर
ट्रेन ठहराव को लेकर क्या प्रगति हुई है इसपर रिपोर्ट लेंगी। इधर चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम मनीष कुमार पाठक का कहना है की जीरो बेस्ड टाइम टेबल के कारण छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव नहीं हो पा रहा है। हालाँकि ग्रामीणों की मांग को रेलवे के उच्च अधिकारी तक पहुंचा दिया गया है। मनीष कुमार पाठक ने बताया की चक्रधरपुर से राउरकेला तक एक शटल स्पेशल ट्रेन चलाने पर भी विचार किया जा रहा है। अगर ऐसा हुआ तो चक्रधरपुर से राउरकेला के बीच जितने भी छोटे-छोटे स्टेशन हैं वहां के यात्रियों की रेलवे की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। गरीब और स्थानीय यात्रियों के लिए शटल ट्रेन सेवा वरदान साबित हो सकती है।