जमशेदपुर : सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान पद का चुनाव रविवार को होगा. सुबह नौ बजे से लेकर अपराह्न तीन बजे तक 389 मतदाता अपना नया प्रधान चुनेंगे. चुनाव मैदान में दो भाई क्रमशः कार्यवाहक प्रधान तारा सिंह गिल (शेर छाप) और बलबीर सिंह गिल (उगता सूरज) के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना बनी हुई है. यह चुनाव अपने आप में एक इतिहास होगा, क्योंकि यहां दो भाई प्रधान पद के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं. लिहाजा, सोनारी की संगत के साथ-साथ जमशेदपुर की संगत की निगाहें इस पर बनी हुई हैं.
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चुनाव जीते तो संगत का मान-सम्मान बढ़ेगा
इधर, चुनाव के एक दिन पूर्व विपक्षी खेमे ने कागलनगर क्लब हाउस में प्रेस वार्ता का आयोजन कर जहां मौजूदा कमेटी के क्रियाकलापों पर उंगली उठाई. वहीं प्रधान चुने जाने के बाद अपनी भावी योजनाओं को सार्वजनिक किया. बलबीर सिंह ने अपने भाई तारा सिंह पर आरोप लगाया कि पिछले पांच सालों में गुरुद्वारा से केवल बिजनेस किया. आनंद कारज, अखंड पाठ आदि कार्यों में जबरदस्ती रूपये मांगने की प्रथा चलाई. पिछली कमेटी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सिलाई केंद्र खोलवाया था, जिसे तारा सिंह ने बंद करवाकर 25 हजार रूपये के रेंट में दे दिया. उन्होंने संगत से उन्हें विजयी बनाने की घोषणा की है. उन्होंने वादा किया कि वह संगत को अच्छा माहौल देंगे. उन्होंने कहा कि वह चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से चाहते हैं. साथ ही चुनाव कराने के लिए सीजीपीसी प्रधान भगवान सिंह का भी उन्होंने साधुवाद किया.
पांच साल से क्यों नहीं बनाए ट्रस्टी
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद विपक्षी खेमे के सरपरस्त सह पूर्व प्रधान सरदार गुरदयाल सिंह ने इनसाइड झारखंड के सवाल पर बताया कि 2012-13 में तत्कालीन ट्रस्टियों ने कुछ नियम बनाये थे. अगर उसे मान लेते तो वह रबड़ स्टंप बनकर रह जाते. उन्होंने उनके कागजात पर हस्ताक्षर नहीं किये, जिसके बाद सभी ट्रस्टियों ने इस्तीफा दे दिया था. गुरदयाल सिंह ने कहा कि पांच सालों से तारा सिंह ने क्यों ट्रस्टी नहीं बनाये. वह संगत को बरगला रहे हैं. भाईयों को लड़ाने की बात पर गुरदयाल सिंह ने कहा कि बलबीर सिंह 50 साल के हैं. कोई बच्चे नहीं हैं. तारा सिंह के बेटे की शादी हुई तो बलबीर सिंह को नहीं बुलाया. तारा सिंह ने अपने माता पिता को नहीं पूछा. ऐसे में मुझपर भाईयों को लड़ाने का आरोप लगाना गलत है.
ये थे उपस्थित
गुरदयाल सिंह, बलवंत सिंह, मंजीत सिंह, अनूप सोहनपाल, कमलजीत कौर, मुखेंद्र कौर, मंजीत कौर, जसबीर कौर, सरबजीत कौर, लखविंद्र कौर, बलदेव सिंह, यशवंत सिंह, एचएस बेदी, राजपाल सिंह, हरभजन सिंह, अमरजीत सिंह, हरचरण सिंह, बंटी सिंह, राजा सिंह, सुखबीर सिंह पूरजी आदि.
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