भारतीय मानक ब्यूरो ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में तीन महत्वपूर्ण भारतीय मानक प्रकाशित किए हैं। इनमें पहला मानक बिल्ट इन सैटेलाइट ट्यूनर वाले डिजिटल टेलीविजन रिसीवर के लिए भारतीय मानक है। भारतीय मानक ब्यूरो ने अपनी तकनीकी समिति के माध्यम से बिल्ट इन सैटेलाइट ट्यूनर वाले टेलीविजन के लिए एक भारतीय मानक र्आएस 18112:2022 विशिष्टता प्रकाशित की है। इस भारतीय मानक के अनुसार निर्मित टीवी किसी उचित स्थान, किसी भवन की छत/दीवार के किनारे लगे एलएनबी के साथ एक डिश एंटीना को जोड़कर फ्री-टू-एयर टीवी और रेडियो चैनलों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
इससे सरकारी पहलों, योजनाओं और दूरदर्शन की शैक्षिक सामग्री तथा भारतीय संस्कृति कार्यक्रमों के भंडार के बारे में ज्ञान के प्रसारण में मदद मिलेगी और इनसे पूरे देश में बड़े पैमाने पर लोगों तक जानकारी पहुंचने और उससे लाभान्वित होने की सुविधा उपलब्ध होगी।
वर्तमान में, देश में टेलीविजन, विभिन्न पेड और फ्री चैनल देखने के लिए सेट-टॉप बॉक्स खरीदने की जरूरत पड़ती है। दर्शकों को दूरदर्शन द्वारा प्रसारित फ्री टू एयर चैनलों (गैर-एन्क्रिप्टेड) को प्राप्त करने के लिए सेट टॉप बॉक्स का उपयोग करना जरूरी है। अब दूरदर्शन चरणबद्ध तरीके से एनालॉग प्रसारण को बंद करने की ओर अग्रसर है। दूरदर्शन, डिजिटल उपग्रह प्रसारण का उपयोग करते हुए फ्री टू एयर चैनलों का प्रसारण जारी रखेगा।
सेट टॉप बॉक्स के उपयोग के बिना ही इन फ्री टू एयर चैनलों को प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए उपयुक्त इनबिल्ट सैटेलाइट ट्यूनर के साथ टेलीविजन रिसीवर की जरूरत पड़ती है।
दूसरा, मानक यूएसबी टाइप सी रिसेप्टेकल्स, प्लग और केबल से संबंधित भारतीय मानक है। भारतीय मानक ब्यूरो ने भारतीय मानक आईएस/आईईसी 62680-1-3:2022 यूएसबी टाइप-सी® केबल और कनेक्टर के लिए विशिष्टता प्रकाशित की है। यह भारतीय मानक मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय मानक आईईसी 62680-1- 3:2022 को अपना रहा है।
यह मानक मोबाइल फोन, लैपटॉप, नोटबुक जैसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए यूएसबी टाइप-सी पोर्ट, प्लग और केबल की जरूरतों को उपलब्ध कराता है। यह मानक देश में बेचे जाने वाले स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए सामान्य चार्जिंग समाधान प्रदान करेगा। यह प्रति उपभोक्ता चार्जर की संख्या कम करने में सहायता प्रदान करेगा, क्योंकि उपभोक्ताओं को हर बार नये डिवाइस खरीदने की जरूरत नहीं होगी। इससे ई-कचरे को कम करने और सतत विकास की ओर आगे बढ़ने के भारत सरकार के मिशन को हासिल करने में मदद मिलेगी।
पहले उपभोक्ताओं को इनके पास मौजूद विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए अलग-अलग चार्जर रखने पड़ते थे जिससे उन्हें अतिरिक्त खर्च करना पड़ता था और ई-कचरे में बढ़ोत्तरी होने के साथ बहुत सी असुविधाएं भी पैदा होती थीं। पूरी दुनिया में इन मुद्दों के समाधान के लिए काम किया जा रहा है।
तीसरा मानक वीडियो निगरानी प्रणाली के लिए भारतीय मानक है। भारतीय मानक ब्यूरो ने अलार्म और इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा अनुप्रयोगों में उपयोग के लिए वीडियो निगरानी प्रणालियों के बारे में भारतीय मानक (आईएस 16910) की एक श्रृंखला विकसित की है। यह मानकों की आईएस 16910 श्रृंखला में अंतर्राष्ट्रीय मानक आईईसी 62676 श्रृंखलाओं को अपनाना है। यह मानक वीडियो निगरानी प्रणाली के सभी पहलुओं जैसे कैमरा उपकरण इंटरफेस प्रणाली की जरूरत और परीक्षण की विस्तृत रूपरेखा उपलब्ध कराता है। यह कैमरा उपकरणों की छवि गुणवत्ता का पता लगाने और प्रणाली की कुशल स्थापना के बारे में दिशानिर्देशों को भी निर्दिष्ट करता है। .
सुरक्षा उद्योग में लगातार विकसित हो रही तकनीक और वीएसएस के व्यापक विकल्पों को देखते हुए आम व्यक्ति के लिए यह तकनीक बोझिल हो गई है, चाहे वह इंस्टॉलर/विनिर्देशक/उपयोगकर्ता हों या वीएसएस का ऐसा सही सेट चुनना हो जो आवश्यक उपयोग के लिए उपयुक्त हो। मानकों की यह श्रृंखला ग्राहकों, इंस्टॉलरों और उपयोगकर्ताओं को उनकी आवश्यकताओं को स्थापित करने और इच्छित उपयोग के लिए उपयुक्त उपकरण का निर्धारण करने में मदद करेगी, इसके अलावा यह वीएसएस के प्रदर्शन का निष्पक्ष मूल्यांकन करने का साधन भी प्रदान करेगी। इससे निगरानी प्रणाली को अधिक सुरक्षित, मजबूत और सस्ता बनाने में भी मदद मिलेगी।
वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) एक आवश्यक सुरक्षा घटक है जिसका उपयोग लगभग हर जगह किसी भी अवांछित गतिविधि का पता लगाने में किया जाता है। बाजारों में बिक्री के लिए उपलब्ध वीडियो कैमरों की बहुतायत और कैमरे की अधिक से अधिक सुविधाओं और विकल्पों की विविधता के कारण ऐसी उचित वीडियो निगरानी प्रणाली को खरीदने के प्रयास बहुत अधिक भ्रामक और तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण हो गए हैं जो उपयुक्त गुणवत्ता की इमेज का उत्पादन कर सकें। इसके अलावा इस प्रणाली के मालिक और इंस्टॉलरों के पास प्रत्येक वीडियो निगरानी प्रणाली के उद्देश्य के बारे में एक स्पष्ट विचार नहीं होता है और उस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए विस्तृत जानकारी का स्तर बहुत आवश्यक है।