केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज यहां वीसी के माध्यम से फार्मा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ कोविड प्रबंधन दवाओं की स्थिति, पर्याप्तता और उत्पादन क्षमताओं की समीक्षा की, ताकि भारत किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तैयार रहे। यह समीक्षा बैठक दुनिया के कुछ देशों में कोविड-19 के मामले उभरने को देखते हुए की गई थी।
एक प्रस्तुति के माध्यम से, केन्द्रीय मंत्री को बदलते वैश्विक परिदृश्य के बारे में जानकारी दी गई। डॉ. मनसुख मांडविया ने देश में कोविड महामारी के दौरान फार्मा कंपनियों के अमूल्य योगदान के लिए उनकी सराहना की और उन्हें बधाई दी। “भारत का फार्मास्युटिकल उद्योग मजबूत, लचीला और जिम्मेदार है। उनकी ताकत के कारण ही हम न केवल महामारी के दौरान अपनी मांग को पूरा कर सके, बल्कि 150 देशों को दवाओं की आपूर्ति करने की स्थिति में भी रहे।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह दवाओं की गुणवत्ता में गिरावट किए बिना और दवाओं की कीमत बढ़ाए बिना हासिल किया गया।
फार्मा कंपनियों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला परिदृश्य पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा गया था। उन्हें एपीआई के उत्पादन और उपलब्धता के साथ-साथ कोविड प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाएं तैयार करने की बारीकी से निगरानी करने के लिए भी कहा गया था। उन्हें खुदरा स्तर तक आपूर्ति श्रृंखला में कोविड दवाओं सहित सभी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।
फार्मा कंपनियों ने केन्द्रीय मंत्री की अध्यक्षता में समय पर समीक्षा बैठक की सराहना की और अपने निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे कोविड दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला की व्यवस्था करने में सक्षम होंगे।
समीक्षा बैठक के दौरान राजेश भूषण, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव, एस अपर्णा, सचिव (फार्मा), श्री कमलेश पंत, अध्यक्ष, एनपीपीए, डॉ. वी जी सोमानी, डीसीजीआई, और दवा कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।