आदित्यपुर :आदित्यपुर थाना क्षेत्र समेत सरायकेला जिले में दर्जनों आपराधिक घटनाओं में शामिल कुख्यात अपराधी संतोष थापा को आदित्यपुर पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ के बाद न्यायालय के सुपुर्द कर दिया है. इससे पूर्व सरायकेला पुलिस अधीक्षक मुकेश लुणायत ने प्रेसवार्ता कर संतोष थापा के गिरफ्तारी की जानकारी दी. प्रेसवार्ता में आदित्यपुर थाना प्रभारी सह इंसपेक्टर राजीव कुमार भी मौजूद थे.
पुलिस अधीक्षक मुकेश लुणायत ने बताया कि सरायकेला जिले में पुलिस द्वारा अपराध रोकने का हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. जिला पुलिस द्वारा बीट पुलिसिंग के अलावा एक्शन प्लान तैयार किया गया है. इसी का नतीजा है कि अपराधी लगातार गिरफ्त में आ रहे हैं. एसपी ने बताया कि 2 सितंबर को पुलिस को कुख्यात अपराधी संतोष थापा के दिल्ली इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर होने की सूचना प्राप्त हुई थी. इसके बाद सरायकेला उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला, जिला पुलिस ने दिल्ली पुलिस, कोलकाता पुलिस और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ से संपर्क स्थापित कर सभी के संयुक्त प्रयास से संतोष थापा को गिरफ्तार कर लिया गया था. दिल्ली में गिरफ्तार करने के बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर सरायकेला पुलिस ने पूछताछ के लिए लिया था. रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद वापस न्यायालय को सौंपा गया है. प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक मुकेश लुनायत के अलावा आदित्यपुर के नए थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह भी मौजूद थे.
सरकारी जमीन लूट, लॉटरी धंधे से बना करोड़पति
संतोष थापा ने आदित्यपुर क्षेत्र में लॉटरी का धंधा, सरकारी जमीन को कब्जा कर बेचने और बिल्डरों के लिए जमीन मालिकों को धमकाने के धंधे से करोड़ों की कमाई की है. पैसे की बदौलत यह पुलिस में भी अपना पैठ जमा चुका था. वारदात को अंजाम देने के बाद यह खुद को इन्हीं पुलिसकर्मियों के सहयोग से कोर्ट में सरेंडर किया करता था और फिर जमानत पर बाहर आकर फिर से अपने धंधे को संचालित करने में जुट जाता था.
ट्रिपल मर्डर समेत 22 मामलों का है आरोपी
संतोष थापा पर 22 फरवरी 2022 को बड़ा गम्हरिया में स्क्रैप व्यापारी संजय उर्फ चमटू की गोली मारकर हत्या, 24 मार्च 2022 को देवव्रत गोस्वामी उर्फ देबू दास की हत्या गोली मारकर हत्या करने का आरोप है. सतबहनी में 2 मई 2022 को हुई कार्तिक गोप की हत्या और 7 जून 2022 को सतबहनी दुर्गा पूजा मैदान में ट्रिपल मर्डर आशीष गोराई, सुबीर चटर्जी और राजू गोराई की हत्या में बतौर मुख्य साजिशकर्ता होने समेत कुल 22 मामलों में जिले की पुलिस को उसकी तलाश थी.