चाईबासा : चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन पर आने वाले प्रवासी मजदूरों का रैपिड एंटिजेन टेस्ट किया जाएगा। इसके बाद ही उन्हें घर भेजा जाएगा। ये बाते चक्रधरपुर अनुमंडल के एसडीओ अभिजीत सिन्हा ने कही है। एसडीओ ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण गांवों तक फैलने की घटना को झारखंड सरकार ने गंभीरता से लिया है। गांवों में संक्रमण को समय रहते नियंत्रित या रोका जा सके, इसके लिए राज्य सरकार की उच्च स्तरीय समिति ने सभी जिलों के उपायुक्तों आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। अब दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों का स्टेशन में ही रैपिड एंटिजेन टेस्ट (रैट) किया जाएगा। जांच में अगर कोई मजदूर पॉजिटिव मिलता है तो डाक्टर के निर्देश के अनुसार उसे होम क्वारंटाइन किया जाएगा या फिर सीधे अस्पताल इलाज के लिए भेजा जाएगा। वहीं जो प्रवासी मजदूर जो निगेटिव मिलेंगे, उन्हें भी कम से कम सात दिनों तक जिला प्रशासन के संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में रहना होगा। क्वारंटाइन में रहने वाले मजदूरों की सात दिनों के बाद फिर रैपिड एंटिजेन टेस्ट होगी और उसमें निगेटिव मिलने पर ही उन्हें गांव घर जाने दिया जाएगा। चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन में प्रवासी मजदूरों के लिए की गई तैयारियां: प्रवासी मजदूरों के पहूंचने को लेकर चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन में जिला व रेल प्रशासन की ओर से तमाम तरह की व्यवस्थाएं की गई है । प्लेटफॉर्म पर थर्मल स्कैनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ सुरक्षा के भी इंतजाम किये गये हैं। बैरिकेडिंग भी की गई है । जिससे थर्मल स्कैनिंग के साथ प्रवासी मजदूरों का रैपिड एंटिजेन टेस्ट करने के लिए एक जगह भी बनाया गया है । इस जगह में जिला के स्वास्थ्य कर्मी, डाक्टर आदि मजदूरों का टेस्ट करेंगे।इसके बाद ही मजदूरों को स्टेशन से बाहर निकलने दिया जाएगा। वहीं स्टेशन में एक मजिस्ट्रेट के साथ जिला व रेल पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। चक्रधरपुर अनुमंडल के एसडीओ अभिजीत सिन्हा ने बताया कि जिले के डीसी का आदेश के अनुसार स्टेशन में तमाम इतेजाम किए गए है । डीसी के आदेश के अनुसार ही स्वास्थ्य कर्मियों की व पुलिस बल की तैनाती स्टेशन में किया जाएगा। फिल हाल रेलवे स्टेशन में तैनात टीटीई ही यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग कर रहें है।