रांची : झारखंड में सरकारी बाबूओं को रिश्वत लेना अब महंगा पड़ेगा. हेमंत सोरेन सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन में आ गई है. रिश्वतखोर अधिकारियों के खिलाफ झारखंड पुलिस ने फूल प्रूफ प्लान तैयार किया है. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश झारखंड पुलिस को दिए हैं. जिसके तहत भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने कार्रवाई तेज कर दी है. इसी का नतीजा रहा कि शहर अंचल के सीओ मुंशी राम को 3,7000 रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया. आंकड़ों पर नजर डालें तो इसके पहले भी राज्य में कई सीओ और राजस्व निरीक्षक और उप निरीक्षक एसीबी के हत्थे चढ़ चुके हैं.
महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां एक नजर में
रातु सीओ प्रदीप कुमार को 25000 रुपए रिश्वत लेते एसीबी ने किया था गिरफ्तार.
रातु के राजस्व उप निरीक्षक सुनील सिंह भी वर्ष 2021 में चढ़ चुके है एसीबी के हत्थे.
धनबाद के निराशा अंचल के राजस्व उप निरीक्षक संतोष मिश्रा 1500 रुपया रिश्वत लेते होते हुए थे गिरफ्तार.
गिरिडीह के तीसरी अंचल के राजस्व उप निरीक्षक राम नरेश चौधरी 5000 रिश्वत लेते चढ़े थे एसीबी के हत्थे.
राजधनवार आंचल में रामजी प्रसाद गुप्ता 5000 रुपया रिश्वत लेते हुए थे गिरफ्तार.
इससे पहले 4 सीओ और आधा दर्जन राजस्व निरीक्षक रिश्वत लेते हो चुके है गिरफ्तार.
घूसखोरों के लिए नंबर जारी
ऐसे घूसखोर अधिकारियों और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए झारखंड पुलिस ने प्लान तैयार किया है. जिसके तहत जल्द ही राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों के बाहर एसीबी हेल्पलाइन बोर्ड लगाया जाएगा. इसमें एसीबी का नंबर 9431105678, 06512710001 और 1064 अंकित होगा. इन नंबरों पर आम लोग भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत कर सकेंगे.
डीजीपी ने क्या कहा
डीजीपी अनुराग गुप्ता का कहना है कि एसीबी में अधिकारियों की कमी को भी दूर करने की कवायद तेज कर दी गई है. एसीबी में अधिकारियों की बढ़ोतरी के साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई भी तेज होगी. झारखंड सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई करने के मोड में आ गई है. अगर सही मायने में सरकार इस नीति पर काम करती है. तो आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी.