जमशेदपुर : आज ईस्टर है। मान्यता है कि क्रूस पर चढ़ाए जाने के तीन दिनों के बाद प्रभु यीशु का पुर्नजन्म हुआ था। इसे ईसाई समुदाय ईस्टर के रूप में मनाता है और आज के दिन कब्रिस्तान पर जुटकर अपने पूर्वजों को याद कर उनके कब्र पर मोमबत्तियां जलाकर उन्हें याद करते हैं। उसके बाद गिरिजाघर जाकर प्रार्थना सभा में भाग लेने के बाद दिन-भर रिश्तेदारों से मिलकर ईस्टर की शुभकामनाएं देते हैं। शहर के बिष्टुपुर स्थित कब्रिस्तान में भी सुबह से ही ईसाई समुदाय के लोग अपने पूर्वजों के कब्र पर मोमबत्तियां जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कुछ लोग गिरिजाघर जाने की तैयारी में नजर आए तो कुछ ने कोरोना के दूसरे लहर के बढ़ते संक्रमण को लेकर घरों से ही प्रार्थना करने की । कुल मिलाकर वैश्विक महामारी कोरोना को ध्यान में रखते हुए ईसाई समुदाय के लोग सामाजिक दूरी का पालन करते हुए ईस्टर के मौके पर कब्रिस्तान में जुटे और अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के बाद अपने अपने घरों और गिरिजाघर के लिए निकल गए। शहर के सभी बड़े गिरजाघर बंद देखा गया।