Chakradharpur : बस में सफ़र कर रहे एक युवा यात्री की जागरूकता और संवेदनशीलता ने एक बच्चे को न सिर्फ बिकने से बचा लिया बल्कि उसके भविष्य को भी अन्धकार में जाने से बचा लिया। मामला चक्रधरपुर का है जहाँ सृजन महिला विकास मंच द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन की मदद से एक डेढ़ साल के बच्चे को बेचने जा रहे एक शख्स को पुलिस ने दबोच लिया है। वहीँ बच्चे को चक्रधरपुर पुलिस ने अपने पास थाना में सुरक्षित रख उसे बेचने की फ़िराक में लगे युवक से पूछताछ कर रही है। जानकारी के मुताबिक डेढ़ साल के बच्चे को लेकर एक लालमुन तांती नामक एक शख्स महालक्ष्मी बस में सफ़र कर रहा था। वह बंदगाँव से चक्रधरपुर आ रहा था। इस बस में अंकित सरोज नामक एक युवक भी सफर कर रहा था। अंकित ने देखा की लालमुन जिस बच्चे के साथ सफ़र कर रहा है वह उसे बेफिक्र बस में छोड़ा हुआ है और बच्चा इधर उधर चलती बस में डोल रहा है।
चालीस हजार में ख़रीदा था बच्चा
सफ़र के दौरान अंकित ने जब बच्चे को गौर से देखा तो उसके सिर पर जख्म के निशान दिखे। जब उसने बच्चे से पूछा की उसे चोट कैसे लगी तो बच्चे को लेकर सफ़र कर रहे लालमुन ने बताया की उसने बच्चे की पिटाई की है। यही नहीं उसने बताया की वह उसकी हमेशा पिटाई करता है। ज्यादा उससे पूछताछ की तो उसने बताया की वह उसका अपना बच्चा नहीं है, उसने इस बच्चे को चालीस हजार में ख़रीदा है और वह इसे 60 हजार में बेचने ले जा रहा है। यात्री अंकित को बच्चे की हालत देख उसपर तरस आ गया और उसने उसके भविष्य को बचाने के लिए चाइल्ड लाइन को फोन लगाकर इस पुरे घटनाक्रम की जानकारी दी। जिसके बाद चाइल्ड लाइन चक्रधरपुर पुलिस को लेकर चक्रधरपुर के मारवाड़ी स्कुल के पास महालक्ष्मी बस का इंतजार करते रहे। जैसे ही बस मारवाड़ी स्कुल के पास पहुंची पुलिस ने बच्चे को अपनी सुरक्षा में लेते हुए लालमुन तांती को दबोच लिया। फिलहाल पुलिस लालमुन से बच्चे को लेकर चक्रधरपुर थाना में पूछताछ कर रही है, लेकिन लालमुन अलग अलग बयान देकर पुलिस को उलझाने की कोशिश कर रहा है। बच्चा किसका है और कहाँ ले जा रहा था इस सवाल पर वह गोलमटोल जवाब दे रहा है। पुलिस बच्चे के परिजनों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।