जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने गुरुवार को कहा कि मानगो नगर निगम और जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति अंतर्गत मुख्य सड़कों, नालियों की सफाई करने तथा कचरा उठाने के काम में लम्बे अरसे से कोताही बरती जा रही है. दोनों ही नगरपालिकाओं में इस काम के लिए प्रतिमाह लाखों रूपये खर्च हो रहे हैं. बावजूद सफाई की स्थिति संतोषजनक नहीं है. जो ठेकेदार इस काम के लिए नगरपालिकाओं द्वारा बहाल किये गये हैं और इन ठेकेदारों को जितनी संख्या में सफाई कर्मियों को प्रतिदिन रखना है, वे उससे काफी कम संख्या में सफाई कर्मियों की तैनाती क्षेत्र में कर रहे हैं. इसके लिए ठेकेदार पूरा पैसा ले रहे हैं. मानगो नगर निगम के नगर आयुक्त और जेएनएसी के उप नगर आयुक्त यह सुनिश्चित करें कि उनके विधानसभा क्षेत्र में सभी सड़कों और गलियों की सफाई तत्परता से हो तथा वहां से प्रतिदिन कचरा उठाया जाए.
बाकी सफाइकर्मी कहां गए
जारी बयान में सरयू राय ने कहा कि उन्होंने अपने सहयोगियों को निर्देश दिया है कि वे इस बात की पूरी छानबीन लगातार करें. ठेकेदारों को जितनी संख्या में सफाईकर्मी रखना है उतनी संख्या में सफाईकर्मी क्षेत्र में कार्यरत हैं अथवा नहीं. इस सिलसिले में गुरुवार को जेएनएसी के अंतर्गत कदमा क्षेत्र में सहयोगियों ने सफाई व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया और पाया कि वहां के लिए ठेकेदार द्वारा कुल 72 महिला और पुरूष सफाईकर्मियों को तैनात करने का प्रावधान है. औचक निरीक्षण में वहां केवल 54 सफाईकर्मी ही नजर आए. इस औचक निरीक्षण में जेएनएसी के सिटी मैनेजर भी साथ थे. वे इस संबंध में कोई जवाब नहीं दे सके कि क्यों 72 सफाईकर्मियों की जगह केवल 54 सफाईकर्मी ही काम पर आए हैं.
300 सफाइकर्मी होना चाहिए
श्री राय ने कहा कि सफाई व्यवस्था में मानगो नगर निगम प्रतिमाह करीब 30 लाख रुपये खर्च कर रहा है. सफाई कार्य के लिए मानगो नगर निगम में 14 ठेकेदार बहाल हैं. सभी ठेकेदारों को मिलाकर रोजाना 300 सफाइकर्मी क्षेत्र में तैनात होने चाहिए परंतु सफाईकर्मियों की तैनाती कम संख्या में रहने के कारण इस क्षेत्र से गंदगी पसरे रहने और सफाई नहीं होने की सूचनाएं जनता की ओर से लगातार मिल रही है.
कहां-कहां भेजे जाते हैं सफाइकर्मी
सरयू राय ने कहा कि उन्होंने अपने सहयोगियों से कहा है कि वे दोनों नगरपालिकाओं के अधिकारियों से जानकारी हासिल करें कि सफाई के लिए उन्होंने नगरपालिका क्षेत्र को कितने हिस्सों में बांटा है. किस क्षेत्र के लिए कितने सफाईकर्मी किस स्थान पर एकत्र होते हैं. वहां से कहां-कहां भेजे जाते है? इसके अनुसार वे इसका मुआयना करें और इसका औचक निरीक्षण भी करें. नगरपालिका क्षेत्र में जितने सफाईकर्मियों की संख्या निर्धारित है. उतने सफाईकर्मी इस क्षेत्र में काम नहीं कर रहे हैं तो इसका मतलब है अन्य कर्मी कहीं और काम कर रहे हैं या बिना कार्य किए इनके पैसों का भुगतान नगरपालिका से हो रहा है.
पीएफ और ईएसआई मद में कटौती होती है या नहीं
दोनों ही नगरपालिकाओं से ठेकेदारों द्वारा सफाई कार्य में लगाये गये कर्मियों की क्षेत्रवार सूची मांगी है. इससे यह भी पता चलेगा कि जो सफाईकर्मी कार्यरत हैं उनके पीएफ और ईएसआई मद में राशि की कटौती होती है अथवा नहीं.