जमशेदपुर।
जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में पहली पीएचडी प्रवेश परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रवेश परीक्षा यूजीसी की पीएचडी संबंधित अद्यतन नियमावली के तहत आयोजित की जाएगी। वीमेंस यूनिवर्सिटी की माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता जी की अध्यक्षता में पिछले दिनों संपन्न हुई विद्वत परिषद और अभिषद् की बैठक में इस पर निर्णय ले लिया गया था।
”नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 में शोध को जिस तरह से प्राथमिकता दी गयी है, उसके अनुरूप त्वरित गति से कार्य करने की आवश्यकता है। जमशेदपुर वीमेंस यूनिवेर्सिटी क्वालिटी रिसर्च के विश्वसनीय केंद्र के तौर पर विकसित हो, साथ ही यहाँ की स्नातकोत्तर की छात्राओं और शोध से जुड़ी इस क्षेत्र की प्रतिभाओं को बाहर न भटकना पड़े, यह मेरे प्राथमिक लक्ष्यों में से एक है। शोध की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पाॅलिसी डाक्यूमेंट्स तैयार करने और पेटेंट हासिल करने में हमारी रिसर्चर सफल हों, इस पर जोर दिया जाएगा। इंफ्लिब्नेट से जुड़कर प्लैगरिज्म डिटेक्शन साफ्टवेयर को जल्द ही सक्रिय कर लिया जाएगा। अनुमोदित सिनाॅप्सिस को शोध गंगोत्री पर और उपाधि प्रदान की जा चुकी थिसिस को शोध गंगा पर अनिवार्य रूप से अपलोड किया जाएगा।”
— प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता, कुलपति
नेट/जेआरएफ को नहीं देनी होगी प्रवेश परीक्षा
यूजीसी के प्रावधानों को देखते हुए नेट/जेआरएफ उत्तीर्ण छात्राओं को प्रवेश परीक्षा से मुक्त रखा जा सकता है। वे सीधे साक्षात्कार में शामिल हो सकती हैं। हालांकि सभी को आवेदन पत्र भरना होगा।
सभी संकायों के डीन्स तैयार करेंगे मानक संचालन प्रक्रिया
यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर व पीआरओ डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि माननीय कुलपति महोदया प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता जी के आदेशानुसार कुलसचिव डॉ. प्रभात कुमार सिंह द्वारा समिति के गठन संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई है। नवगठित समिति में डॉ. सबीहा यूनुस – डीन- सामाजिक विज्ञान संकाय, डॉ. सुधीर कुमार साहू – डीन- मानविकी संकाय, डॉ. जावेद अहमद – डीन- विज्ञान संकाय, डॉ. दीपा शरण – डीन- वाणिज्य संकाय, डॉ. किश्वर आरा- डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर, डॉ. रमा सुब्रमण्यम- परीक्षा नियंत्रक, डॉ. रूपाली घोष- ओएसडी-परीक्षा, डॉ. मनीषा टाइटस- अध्यक्ष- अंग्रेजी विभाग व डॉ. ग्लोरिया पूर्ति- असिस्टेंट प्रोफेसर प्रोफेसर- वाणिज्य विभाग को शामिल किया गया है। समिति प्रवेश परीक्षा के प्रारूप, तिथि व मानक संचालन प्रक्रिया का प्रारूप तैयार करेगी।
दिसंबर में हो सकती है प्रवेश परीक्षा
माननीय कुलपति ने समिति को प्राथमिकता के साथ तैयारी करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि सारे प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए समिति दस नवंबर तक अपनी रिपोर्ट जमा करे ताकि जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (जेडब्ल्यूयूआरईटी – 2022) का सफल आयोजन दिसंबर माह में कर लिया जाय और जनवरी 2023 में नामांकन और कोर्सवर्क हर हाल में आरंभ कर लिया जाय। इसी वर्ष 22 जून को कुलपति का पदभार ग्रहण के बाद लगातार होने वाले महत्वपूर्ण निर्णयों के क्रम में यह बड़ी उपलब्धि है।
पहले से पंजीकृत छात्राएं की गईं एब्जाॅर्ब
ऑटोनोमस काॅलेज के रूप में पहले से पंजीकृत शोध छात्राओं को यूनिवर्सिटी के अंर्तगत एब्जाॅर्ब कर लिया गया है। इन छात्राओं को शोध उपाधि जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी द्वारा दी जाएगी साथ ही इनके कोर्सवर्क परीक्षा के परिणाम शीघ्र ही जारी कर दिये जाएंगे। माननीय कुलपति ने सभी संकायाध्यक्ष व विभागाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि पहले से पंजीकृत शोध छात्राओं का शोध कार्य किसी भी रूप में बाधित न हो, यह सुनिश्चित करें। उनके शोध निर्देशक व शोध टाॅपिक का निर्धारण नियमानुसार अविलंब कर लिया जाय। उन्होंने लाइब्रेरी में डेडीकेटेड रिसर्च विंग विकसित करने का निर्देश भी दिया। रिसर्च विंग में सभी जरूरी रेफरेंस बुक्स के अलावा नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, ई पुस्तकालय आदि की उपलब्धता होगी। यह पूरा विंग उच्च क्षमता की वाई-फाई सुविधा से लैस होगा।
नाॅन नेट फेलोशिप का भी मिलेगा लाभ, शोध छात्राएं भी लेंगी क्लास
जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में पहले से पंजीकृत या अब नामांकन लेने वाली छात्राओं को नाॅन नेट फेलोशिप की सुविधा मिले, इसके लिए माननीय कुलपति महोदया व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास कर रही हैं। पिछले दिनों भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ और यूजीसी के सक्षम अधिकारियों से उन्होंने इस सिलसिले में मुलाकात की है। ऐसी छात्राएं जो सामान्य श्रेणी में हैं और नेट या जेआरएफ नहीं हैं, उन्हें इसका लाभ मिल सकेगा। इसके अलावा एससी-एसटी वर्ग की शोध छात्राओं को भी यूजीसी की तरफ से दी जाने वाली फेलोशिप का लाभ मिल सकेगा। माननीय कुलपति ने बताया कि शोध और अध्यापन परस्पर जुड़ी हुई प्रक्रिया है। इसलिए यहाँ की शोध छात्राओं को नियमानुसार स्नातक की कक्षाएं लेने का अवसर दिया जाएगा।