जाने के आधा घंटे के बाद ही फोन आया कि प्रेमचंद यादव की हत्या कर दी गई है. इसके बाद ससुरजी देखने के लिए गए थे. सत्यप्रकाश और उनके लोग शव को उठाकर गड्ढ़े में दफनाने के लिए जा रहे थे. इस बीच ससुर पहुंचे तब वे लोग वहां से चले गए. सत्यप्रकाश और उनके लोगों की हत्या किसने की उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. पत्नी का कहना है कि जब वे लोग मेरे परिवार के लोगों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं तो हम भी चाहेंगे कि उनलोगों के परिवार को भी फांसी की सजा दी जाए. सत्यप्रकाश के घर के लोगों का कहना है कि प्रेमचंद के लोग 50 की संख्या में हथियार लेकर पहुंचे थे और सुबह 7.30 बजे पांच लोगों की गोली मारकर और धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी.
UP NEWS : यूपी के देवरिया में हुई हत्या के मामले में प्रेमचंद यादव की बेटी का कहना है कि घटना दे दिन 2 अक्टूबर की सुबह पापा अपने खेत में गए हुए थे. इस बीच अपनी बाइक को खड़ी की थी. सत्यप्रकाश दुबे के लोग उनकी बाइक उठाकर अपने घर लेकर चले गए थे. इस बीच पापा बाइक लेने के लिए गये थे तभी उनकी हत्या कर दी गई. इसके बाद शव को को गड्ढ़े में दफनाने की भी योजना बनाई गई थी.