जमशेदपुर।
टाटानगर स्टेशन के रेस्टोरेंट से यात्रियों को जनता खाना नहीं मिल रहा है,
लेकिन वाणिज्य और खानपान पदाधिकारी कभी यात्री सुविधा के तहत जनता खाना की उपलब्धता पर ध्यान नहीं देते हैं.
इससे यात्रियों को 15 रुपये के बजाए 60 और 80 रुपये खर्च कर खाना लेना पड़ता है.
बीते रात जनता खाना नहीं मिलने से परेशान हावड़ा मुंबई मेल से दुर्ग जाने वाले दीपक कुमार नामक यात्री ने टाटानगर स्टेशन की
पुस्तिका में शिकायत भी दर्ज कराया है.
यात्री ने रेस्टारेंट पर जनता खाना नहीं देने का आरोप लगाया है.
वाणिज्य विभाग ने यात्री की शिकायत को कार्रवाई के लिए चक्रधरपुर रेल मंडल में भेजकर जिम्मेदार का निर्वाह कर लिया. दूसरी ओर मंगलवार दोपहर स्टेशन के एक अन्य रेस्टारेंट में भी जनता खाना नहीं मिलने से सिख यात्री भड़क उठा. यात्री ने जब शिकायत करने की चेतावनी दी तो उसे रेस्टोरेंट संचालक ने रोटी-सब्जी मुहैया कराया. जानकारी के अनुसार स्टेशन के किसी स्टॉल या रेस्टोरेंट में ज्यादात्तर जनता खाना उपलब्ध नहीं रहता है. शिकायत होने पर वाणिज्य और खानपान पदाधिकारी एक दो दिन सक्रियता दिखाते हैं. फिर से पहले की स्थिति कायम हो जाती है, क्योंकि ज्यादात्तर यात्री शिकायत दर्ज नहीं कराते हैं. जबकि जनता खाना नहीं मिलने से कम आय वाले यात्रियों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है, रेलवे वाणिज्य और खानपान पदाधिकारी यह समझकर भी अंजान है.