जमशेदपुर : पटमदा के बाद अब बाघ बोड़ाम के गांवों में पहुंच गया है. इसके बाद से वहां पर निवास करने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है. वे अपनी सुरक्षा को लेकर खासा चिंतित हैं. लोगों ने वन विभाग को इसकी जानकारी देने के साथ-साथ अपनी सुरक्षा के लिए तीर-धनूष भी उठा लिया है. अब बोड़ाम में जगह-जगह पर लोगों को तीर-धनूष के साथ आसानी से देखा जा सकता है.
पंजे का निशान मिलने से बढ़ी परेशानी
बोड़ाम के गोबरलाद और जारकी गांव में बाघ के पंजे का निशान लोगों ने आज सुबह के समय ही देखा था. इसके बाद घटना की जानकारी लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों को दी. सूचना पर टीम भी पहुंची और बाघ की टोह लेने का काम कर रही है.
जंगल जाकर लकड़ी चुनने वाले भयभीत
बाघ के बोड़ाम में पहुंच जाने के बाद सिर्फ बोड़ाम के ही लोग भयभीत नहीं हैं, बल्कि कमलपुर और पटमदा के लोगों की परेशानी भी पढ़ी हुई है. लोग सिर्फ बाघ की ही बातें कर रहे है. जंगल में लकड़ी चुनने जाने वाले लोगों की भी परेशानी बढ़ गई है. उन्हें जंगल में जाने से भय लग रहा है.
चांडिल तनकोचा में किया था मवेशियों का शिकार
बाघ ने इसके पहले चांडिल के तनकोचा में मवेशियों का शिकार किया था. लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर वन विभाग के अधिकारी कर क्या रहें हैं? उनकी पकड़ में बाघ क्यों नहीं आ रहा है? वे आखिर वे सरकार से किस बात का वेतन ले रहे हैं? लोगों ने वन विभाग पर कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं?