जमशेदपुर : मकर सक्रांति के शुभ अवसर पर शहर के लोगों ने आज नदियों में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान मानगो स्वर्णरेखा, सोनारी दोमुहानी, खरकई नदी, बागबेड़ा बड़ौदा नदी घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था, जिसमें महिलाएं और बच्चों की संख्या अधिक रही। श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान करने के बाद नदी किनारे धूप-अगरबत्ती जलाकर पूजा-अर्चना की। गरीबों के बीच अन्न, द्रव्य, पुराने वस्त्र, तिलकुट, चूड़ा, गुड़ आदि दान किया। मान्यता है कि मकर संक्रांति वाले दिन नदी में डुबकी लगाने और दान करने से लोगों को सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है और इंसान को जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
मकर संक्रांति पर मान्यता है कि सुबह-सुबह स्नान करके सबसे पहले तिल को ग्रहण किया जाता है। ठीक उसी तरह से गुरुवार को मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया गया। लोगों ने तिल के अलावा दही-चूड़ा और लजीज सब्जियों का भरपूर आनंद लिया। गुरुवार को मकर संक्रांति के अलावा आदिवासी समाज का टुसू पर्व भी आज से शुरू हो गया है। इसी तरह से सिख समाज के लोगों का आज लोहड़ी पर्व है। कुल मिलाकर मकर संक्रांति, टुसू पर्व और लोहड़ी की धूम मची हुई है। इन पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह है।
कनकनी वाली पानी में लोगों ने किया स्नान
शहर के अलग-अलग नदियों में मकर संक्रांति पर लोगों ने गुरुवार को स्नान किया है। पानी में इतनी कनकनी थी कि लोग सिहर जा रहे थे। लेकिन लोगों की भीड़ नदियों में देखते ही बन रही थी। नदियों में महिलाओं की संख्या पुरुषों की अपेक्षा अत्यधिक थी।कोरोना महामारी, घने कोहरे और ठंड के बावजूद भक्तों ने सूरज की पहली किरण के साथ ही नदियों में स्नान किया है।