चाईबासा- विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा इस साल गणतंत्र दिवस के दिन मनाया जायेगा. गणतंत्र दिवस के दिन सरस्वती पूजा के होने से शिक्षण संस्थानों में ख़ुशी की लहर है और लोग जोर शोर से गणतंत्र दिवस के साथ साथ सरस्वती पूजा की तैयारी कर रहे हैं.
वहीं शिल्पकार भी तेजी से माँ सरस्वती की प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं ताकि तय समय पर पूजा पंडालों, शिक्षण संस्थानों में माँ सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना की जा सके. चक्रधरपुर के मशहूर शिल्पकार सुधीर पॉल भी माँ सरसवती की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. इस साल प्रतिमाओं की मांग में हुई वृद्धि से सुधीर पॉल काफी खुश हैं. दरअसल कोरोना काल के दौरान पूजा उत्सव को लेकर लोगों में उत्साह भारी कमी पिछले वर्षों में देखि गयी. इस दौरान प्रतिमाओं की मांग भी कम थी. लेकिन इस साल माँ सरस्वती की प्रतिमा की मांग में थोड़ी वृद्धि हुई है.
शिल्पकार सुधीर पॉल बताते हैं की अच्छा संयोग है की इस साल लोग राष्ट्रिय त्यौहार के गणतंत्र दिवस के साथ साथ सरस्वती पूजा भी मनाएंगे. दोनों त्यौहार एक साथ होने के कारण ज्यादातर पूजा पंडालों का थीम देश भक्ति से जुड़ गया है. उन्हें देशभक्ति के थीम के साथ प्रतिमाओं के निर्माण का आर्डर ज्यादा मिला है. माँ सरस्वती के साथ पंडालों में राष्ट्रिय ध्वज लिए देश के वीर जवान भी नजर आएंगे. सुधीर पॉल लगातार प्रतिमाओं के निर्माण में लगे हुए हैं. अलग अलग थीम, सुन्दर नक्काशी, विभिन्न प्रकार के रूप सज्जा, विभिन्न मुद्रा में माँ सरस्वती के सुन्दर सुन्दर प्रतिमाओं का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है.
सुधीर पॉल बताते हैं की महंगाई के कारण हर साल की तरह इस साल भी प्रतिमा निर्माण में उनकी लागत काफी बढ़ गयी है. जिसके कारण उन्हें प्रतिमाओं की कीमत में भी वृद्धि करनी पड़ी है. ग्राहक हर साल बढ़ रहे कीमत से परेशान जरुर हो रहे हैं लेकिन भक्ति और श्रद्धा के साथ प्रतिमाओं के बाज़ार में सुधार आया है. लोग सरस्वती पूजा इस साल काफी संख्या में मना रहे हैं. चारों ओर इस वर्ष सरस्वती पूजा में उत्साह और भक्ति का वातावरण देखने को मिलेगा. सुधीर पॉल ने अपने द्वारा बनायीं जा रही तमाम प्रतिमाओं की जानकारी दी.