रांची : एनआइए की ओर से पीएलएफआइ के सुप्रीमो दिनेश गोप को सोमवार को कोर्ट में प्रस्तुत कर 7 दिनों की रिमांड पर लिया है. रिमांड पर लेने के बाद दिनेश गोप से पूछताछ शुरू कर दी गयी है. इस बीच कुछ अहम जानकारियां भी मिली है. उसकी निशानदेही पर भी टीम काम कर रही है. दिनेश गोप को शनिवार की को नेपाल के काठमांडू से एनआइए और झारखंड पुलिस के संयुक्त प्रयास से गिरफ्तार किया गया था.
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लंबे समय से बना था आतंक का पर्याय
नक्सली दिनेश गोप लंबे समय से आंतक का पर्याय बना हुआ था. पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप पर झारखंड के अलावा बिहार और ओड़िशा के कई थानों में हत्या, रंगदारी और लेवी वसूलने के मामले दर्ज हैं. दिनेश गोप पर कुल 102 आपराधिक मामले दर्ज हैं. दिनेश गोप पर झारखंड पुलिस ने 25 लाख का इनाम घोषित किया था. वहीं, एनआईए ने उस पर पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा था.
सरेंडर करने के लिये बनाया गया था दबाव
दिनेश गोप सरेंडर कर दे. इसको ध्यान में रखते हुये पुलिस टीम खूंटी पहुंची थी और परिवार के सदस्यों से सरेंडर करवाने के लिये भी कहा था. इस बीच परिवार के लोगों ने कहा कि दिनेश से कई सालों से बातचीत नहीं हुई है. वह घर पर भी नहीं आता है.
गुप्त सूचना पर हुई थी छापेमारी
इस दौरान दिल्ली एनआइए टीम को सूचना मिली कि दिनेश गोप भेष बदलकर नेपाल के काठमांडू इसाके में छिपा हुआ है. उसके बाद उसकी गिरफ्तारी के लिये टीम बनी और कैंपेन शुरू हुआ था. इस बीच ही शनिवार की देर शाम उसे काठमांडू इलाके से गिरफ्तार किया गया था. तब वह सिख की पगड़ी पहने हुये थे. उसे देखकर पहचान पाना मुश्किल था. पगड़ी खुलते ही पाखंडी दिनेश गोप की साजिश का पर्दाफाश हो गया था.
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