Ranchi : इंडिया का नाम बदलकर भारत रखने की चर्चा पूरे देश भर में जोरों पर है. ऐसा होने पर देश स्तर के इंडिया नामित सारे सरकारी दस्तावेज एवं स्थान के साथ अन्य सारी चीज जद मे आकर प्रभावित होगी. वैसे तो आधिकारिक तौर पर इस बात का प्रमाण और पुष्टि अभी नहीं हो पाई है, परंतु चर्चा के इस गरम बाजार में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है.
झामुमो ने करार दिया सुनियोजित साजिश
झारखंड प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रीयो भट्टाचार्य का कहना है कि इंडिया नाम से बने घटक दल के बाद से इस नाम से डर का नतीजा है कि इस प्रकार से नाम में परिवर्तन करने की बात हो रही है. केंद्र सरकार की पार्टी एक प्रकार से राजनीतिक आपदा को अवसर में बदलने का काम करने पर लगी हुई है. इस प्रकार से नाम बदलने से करोड़ों रुपए का खर्चा होगा, जो सुनियोजित साजिश होगा.
जनमुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश : कांग्रेस
वहीं, झारखंड प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी के घटक दल में रहे कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी को डॉ भीमराव अंबेडकर के बनाए गए संविधान से दिक्कत हो रही है. क्योंकि संविधान में साफ इंगित है कि इंडिया और भारत एक ही नाम है. केंद्र शासित पार्टी इस तरह मामलों से देश के जन मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
गुलामी की मानसिकता नहीं ढ़ो सकते : भाजपा
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा का कहना है कि पौराणिक ग्रंथ में भी भारत का नाम आता है. उन्होंने विपक्षी दलों से सवाल किया कि औपनिवेशिक काल से दिए गए नाम के प्रति इतना लगाव क्यों है? इस प्रकार के औपनिवेशिक काल में दिए गए नाम एक प्रकार से गुलामी के जंजीर को दर्शाता है, जिसे देश लंबे समय तक ढ़ो नहीं सकता है.