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पोटका भाजपा के किंगमेकर होपना माहली को मिल सकती है टिकट
पोटका विधानसभा में पिछले ढाई दशक से भुमिज ही चुनाव जीत रहे हैं, लेकिन 5 दशक पहले की बात करें तो रसराज टुडू और सनातन माझी ने तीन बार अपना परचम लहराया था. जानकारों का कहना है कि इस विधानसभा में सिर्फ भुमिज ही फैक्टर नहीं है बल्कि संताल, माहली, जेनरल लोग भी हार-जीत का फैसला करते हैं.
जमशेदपुर :पोटकाभाजपा के लिए खेलाराम बेसरा और होपना माहली बेहद चर्चित नाम है. जब भी पोटका विधानसभाकी बात होती है तब दोनों का चेहरे आलाकमान के सामने रहता है. खेलाराम बेसरा पूर्व में चुनाव लड़ चुके हैं. उनके बाद होपना माहली किंगमेकर के रूप में पोटका में उभरे हैं. इस बार की विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिल सकती है. पार्टी को 35 सालों तक सींचने के बाद भी उन्हें चुनाव का स्वाद चखने को नहीं मिला है. इस बार अगर पार्टी की ओर से टिकट दिया जाता है तो वे भाग्य आजमाना भी चाहते हैं.
पोटका विधानसभा के बारे में भाजपा के आला अधिकारियों को यह बताया गया है कि वहां पर सिर्फ सरदार (भुमिज) का ही बोलबाला है, लेकिन ऐसा बिल्कुल ही नहीं है. ऐसा भी नहीं है कि भुमिज की आबादी बाकी आबादी से अधिक है. अगर भुमिज की आबादी ज्यादा होती तब रसराज टुडू और सनातन माझी कैसे विधायक चुने गए थे. सनातन माझी 1972 और 1969 में दो-दो बार विधायक बने थे. उसके पहले रसराज टुडू विधायक थे.
रह चुके हैं किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष
पोटका कालिकापुर के रहने वाले होपना माहली पहले किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साथ ही पोटका प्रखंड के महामंत्री के पद पर भी काम कर चुके हैं. तब कोवाली और मुसाबनी मंडल नहीं हुआ करता था. सिर्फ पोटका प्रखंड ही था.
इस बार हो सकता है उलट-फेर
पोटका विधानसभा में इस बार उलट-फेर की भी संभावनी बनी हुई है. 2019 की चुनाव मे भाजपा प्रत्याशी मेनका सरदार चुनाव हार गईं थी. इस बार उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं कहना मुश्किल है. पूरा खेल लॉबी पर ही निर्भर करता है.
जविप्र कार्डधारियों के आंदोलन से मिली बड़ी पहचान
होपना माहली की पहचान तब से बनी है जब से उन्होंने राशन कार्डधारियों के समर्थन में आंदोलन शुरू किया था. दो दशक पूर्व तक बिना राशन दिए हुए ही जविप्र दुकानदारों की ओर से कार्ड पर इंट्री कर दिया जाता था. पोटका विधानसभा क्षेत्र में अब इस तरह की समस्या से काफी हद तक लोगों को निजात मिल चुकी है. हालाकि इक्का-दुक्का मामले अब भी आते रहते हैं. वैसे चुनाव के आते ही दावेदारों की लिस्ट बढ़ती ही जा रही है.
रघुवर-अर्जुन और बाबूलाल के हैं करीबी
होपना माहली झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और झारखड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के बेहद करीबी माने जाते हैं. लॉबी के कारण होपना माहली को टिकट मिलने के आसार हैं.
जैसा सेलेक्शन वैसा इलेक्शन
पोटका विधानसभा से भाजपा की टिकट पर दावेदारी करने वाले होपना माहली का स्लोगन है- जैसा कंडिडेट का सेलेक्शन होगा वैसा ही इलेक्शन होगा. सबकुछ कंडिडेट पर ही निर्भर करता है.