चक्रधरपुर : चक्रधरपुर रेल मंडल के बिमलगढ़ रेलवे स्टेशन का ग्रामीणों ने घेराव कर दिया. पिछले दिनों दो आदिवासी युवकों को आरपीएफ द्वारा हिरासत में लेकर उनकी की गयी पिटाई से ग्रामीण नाराज हैं और प्रदर्शन किया. घेराव का नेतृत्व ओडिशा बनई के विधायक लक्ष्मण मुंडा ने किया. उनके साथ सीटू के वरिष्ठ नेता विष्णु महंती और विमान मैती भी मौजूद थे. बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण झंडा बैनर लेकर स्टेशन का घेराव करते हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इधर घटना के बाद अधिकारियों की आंख खुली और जांच का आदेश के साथ-साथ आरोपी आरपीएफ के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया गया है.
आरपीएफ के खिलाफ जमकर नारेबाजी
ग्रामीणों के द्वारा रेलवे और आरपीएफ के खिलाफ नारेबाजी भी की गई. ग्रामीणों ने बिमलगढ़ आरपीएफ थाना प्रभारी योगेन्द्र कुमार की गिरफ़्तारी की मांग की जा रही है. ग्रामीणों का कहना है की जब से योगेन्द्र कुमार ने बिमलगढ़ में आरपीएफ प्रभारी का पदभार ग्रहण किया है. क्षेत्र में कोयला चोरी से लेकर कई अवैध कारोबार बढ़ गए हैं. लेकिन इसकी रोकथाम की बजाये गरीब आदिवासी निर्दोष लोगों पर योगेन्द्र कुमार अपनी वर्दी का धौंस जमाते हैं और आदिवासियों को प्रताड़ित करते हैं.
बिना सबूत के लिया हिरासत मेंं
ग्रामीणों का कहना है की पिछले दिनों दो बेकसूर आदिवासी युवकों को आरपीएफ थाना प्रभारी में बिना सबूत के हिरासत में ले लिया और दोनों को थर्ड डिग्री टॉर्चर देते हुए दोनों की जमकर पिटाई कर दी. जिसके बाद दोनों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. ग्रामीणों की मांग है की बिमलगढ़ आरपीएफ थाना प्रभारी योगेन्द्र कुमार सहित उन सभी आरपीएफ को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाए. पिटाई करने वालों की नौकरी से भी बर्खास्तगी की भी मांग की है.
8 अक्टूबर को रेल चक्का जाम की दी चेतावनी
ग्रामीणों का कहना है की वे घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहते हैं लेकिन कभी नक्सलियों ने उनके साथ इतना बुरा सलूक नहीं किया है जितना बुरा सलूक आरपीएफ के अधिकारी और जवान उनके साथ कर रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि अगर आदिवासियों को प्रताड़ित करने वाले बिमलगढ़ आरपीएफ थाना प्रभारी योगेन्द्र कुमार सहित अन्य आरपीएफ जवानों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे मंगलवार से बिमलगढ़ में अनिश्चितकलीन रेल चक्का जाम कर देंगे. रेल चक्का जाम से जो भी नुकसान और विधि व्यवस्था भंग होगी उसकी पूरी जिम्मेदारी रेल प्रशासन की होगी.
निष्पक्ष जांच का आदेश
इधर ग्रामीणों के बढ़ते गुस्से को देखते हुए राउरकेला एसपी ने स्थानीय सीडीपीओ को मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई का निर्देश दिया. एसडीपीओ ने केबोलांग थाना में ग्रामीणों के साथ बैठक की. बैठक में आरपीएफ सहायक कमांडेंट राउरकेला भी मौजूद थे. सभी की मौजूदगी में हुई इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आदिवासी युवकों को थर्ड डिग्री यातना देकर पिटाई करने वाले बिमलगढ़ आरपीएफ थाना प्रभारी योगेंद्र कुमार सहित अन्य आरोपीएफ की पहचान की जाएगी. गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आश्वासन के बाद ग्रामीण वापस लौट गए. मामले में बनई के विधायक ने कहा कि फिलहाल जो आश्वासन पुलिस के द्वारा मिला है उससे वे संतुष्ट हैं. इसके बाद भी अगर जल्द कार्रवाई नहीं होगी तो ग्रामीण अपना आंदोलन आने वाले समय में तेज करेंगे. वहीं राउरकेला सहायक आरपीएफ कमांडेंट ने कहा कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनके आरपीएफ अधिकारियों व जवानों ने आदिवासियों की इतनी बर्बरतापूर्ण पिटाई की है. उन्होंने मामले की जांच के बाद आरपीएफ पर कार्रवाई का आश्वासन दिया.