Ij Desk : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास अब नये साल के पहले सप्ताह में भाजपा की सदस्यता गहण करेंगे. उन्होंने राजधानी रांची में मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में संकेत दिया है कि वे अब झारखंड प्रदेश भाजपा की ही राजनीति में सक्रिय होंगे. उन्होंने कहा कि ओडिशा के नए राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति पहली जनवरी को भुवनेश्वर पहुंचकर राज्यपाल पद की शपथ लेंगे और नियमानुसार उनके शपथ लेने के बाद वे भाजपा की दोबारा प्राथमिक सदस्यता लेंगे.
यहां बता दें कि ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बावजूद नये राज्यपाल हरि बाबू के पदभार ग्रहण करने तक रघुवर दास ही तकनीकी रूप से ओडिशा के राज्यपाल हैं. उन्होंने कहा कि जगन्नाथ महाप्रभु ने उन्हें 14 माह के लिए बुलाया था और उन्हें महाप्रभु की पावन धरती की सेवा करने का अवसर मिला, लेकिन अब महाप्रभु ने उन्हें अपने जन्मभूमि कर्मभूमि की सेवा करने के लिए भेज दिया है. पत्रकारों के एक सवाल के जबाब में उन्होंने यहां तक कहा कि वे अपनी कर्मभूमि छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं. हालांकि, यह कयास लगाया जा रहा है कि रघुवर राष्ट्रीय राजनीति में जाएंगे. इधर राज्यपाल पद से विदाई लेकर भुवनेश्वर से रांची और फिर जमशेदपुर स्थित अपने आवास पहुंचने पर हर जगह उनसे मिलनेवालों का तांता लगा रहा. (नीचे भी पढ़ें)
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ओडिशा राजभवन के कार्यकाल के बारे में अनुभव को साझा करते हुए कहा कि जगन्नाथ महाप्रभु के आदेश के बिना वे उनके पावन धरती पर नहीं जा सकते थे. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के समय से गवर्नर को लाट साहेब माना जाता रहा है. लेकिन ओड़िशा में उन्होंने इस परंपरा को तोड़ा है. उन्होंने कहा कि आजाद भारत में राज्यपाल लाट साहब नहीं होता. वह भी जनता का प्रतिनिधि है. अपने कार्यकाल में 14 महीने तक लगातार उन्होंने ओडिशा राजभवन को आम जनता के लिए खोल कर रखा था.