जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे स्टेशन पर रेलवे की ओर से चार एस्केलेटर लगाने की योजना है, लेकिन इसकी देख-रेख और रख-रखाव की व्यवस्था रेलवे की ओर से ठीक से नहीं की जा रही है. अगर कभी एस्केलेटर खराब होता है तो उसे कई दिनों के बाद भी बनाने का काम नहीं किया जाता है. रेल अधिकारी तो यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि पार्ट-पूर्जा ही नहीं मिल रहा है तो क्या करें. एस्केलेटर के खराब होने पर रेल यात्रियों को भारी परेशानी होती है. ऐसी घड़ी में रेल यात्री रेल अधिकारियों को ही कोसने का काम करते हैं.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : पुजारी की हत्या में बेटा और भतीजा का हाथ तो नहीं
मॉडल स्टेशन का दिया गया है दर्जा
टाटानगर रेलवे स्टेशन की बात करें तो इसे मॉडल स्टेशन का दर्जा जो दशक पहले ही दिया गया था. स्टेशन पर यात्रियों को जब परेशानी होने लगती है तब यात्री सवाल उठाते हैं कि कैसा मॉडल स्टेशन. समय के साथ स्टेशन पर यात्री सुविधाओं में काफी बढ़ोतरी की गयी है, लेकिन खराबी आने पर उसका निदान समय रहते नहीं किये जाने पर यात्रियों की परेशानी बढ़ जाती है.
प्लेटफार्म नंबर एक पर लग रहा दूसरा एस्केलेटर
एक नंबर और दो नंबर प्लेटफार्म पर एस्केलेटर लगने के बाद अब रेलवे की ओर से प्लेटफार्म नंबर एक पर दूसरा भी एस्केलेटर लगाने का काम किया जा रहा है. इसके लिये खुदायी का काम सोमवार को शुरू कराया गया है. संभवना व्यक्त की जा रही है कि जल्द ही एस्केलेटर का लाभ यात्रियों को मिलने लगेगा.
चार साल में 4 एस्केलेटर लगाने की थी योजना
रेलवे की ओर से चार सालों के भीतर ही 4 एस्केलेटर लगाने की योजना बनायी गयी थी, लेकिन सभी कार्यों को धरातल पर उतारने का काम टाटानगर स्टेशन पर नहीं किया गया है. कारण यह है कि जब एस्केलेटर में खराबी आती है तब रेल अधिकारी खराबी को दूर करने में अपना समय गवां देते हैं.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : कदमा के बिल्डर सह अधिवक्ता बुद्धदेव गिरी पर 5.80 करोड़ की धोखाधड़ी का केस