बालासोर : भीषण ट्रेन हादसे में 288 यात्रियों की मौत की घटना के तीसरे दिन रेलवे की ओर से प्रेसवार्ता कर घटना का खुलासा किया गया. मेंबर ऑफ ऑपरेशन जया वर्मा ने पत्रकारों को बताया कि तीन ट्रेनों की आपस में टक्कर नहीं हुई थी. लूप लाइन में दो मालगाड़ियां खड़ीं थीं. सिग्नल में कोई गड़बड़ी नहीं थी. हादसे का पूरा प्रभाव कोरोमंडल एक्सप्रेस पर हुआ था. यशवंतपुर एक्सप्रेस के पीछे की दो कोच चपेट में आयी थी. घटना में सिर्फ एक ट्रेन ही दुर्घटनाग्रस्त हुई थी. वह कोरोमंडल एक्सप्रेस थी.
प्रेसवार्ता में बताया गया कि एक मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी. उसी से कोरोमंडल एक्सप्रेस टकरा गयी थी. घटना में इंजन मानलगाड़ी पर चढ़ गया था. जांच में यह बात सामने आयी है कि तब कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन 120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार पर चल रही थी. यशवंतपुर एक्सप्रेस की स्पीड 126 किमी. प्रति घंटे थी. शुरूआती जांच में यह बात सामने आ रही है कि सिगनल सिस्टम में भी खामियां हो सकती है.
मालगाड़ी में लदा था लोहा
रेलवे की ओर से बताया गया है कि घटना के समय जो मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी उसपर लोहा लदा हुआ था. घटना के समय कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर एक्सप्रेस के लिये ग्रीन सिगनल दिया गया था. घटना के समय दोनों ट्रेनों की टक्कर मालगाड़ी से ही हुई है, लेकिन मालगाड़ी अपनी जगह से हिली तक नहीं.