जमशेदपुर : परसुडीह के इलेक्ट्रिक लोको शेड में टेक्निशियन के रूप में कार्यरत सतीश कुमार पिल्लई ने 28 जून को आरपीएफ की मौजूदगी में ही आत्मदाह करने का प्रयास किया था, तब आरपीएफ क्या कर रही थी. पिल्लई को बचाने का भी प्रयास नहीं किया गया. रेलकर्मी की मौत रविवार की सुबह ही हो गयी है. उनके घर में पत्नी के अलावा दो बेटी और एक बेटा है. इसके बाद से परिवार के लोग घटना का पूरा जिम्मेवार आरपीएफ को ही बता रहे हैं. परिजनों का कहना है कि आरपीएफ ने जबरन उनकी जमीन को ही दूसरे को दखल दिलाने का काम किया गया.
पूरे मामले में अब यह बात सामने आ रही है कि आखिर बिना कोर्ट के आदेश के ही आरपीएफ की ओर से जबरन कैसे दखल दिलाने का काम किया गया. इसके लिये नियमतः सभी प्रक्रियाओं को पूरा किया जाता है. जिला प्रशासन तक से मदद नहीं ली गयी और न ही सूचना दी गयी. परिवार के लोगों ने आरपीएफ पर आरोप लगाया है कि मिली-भगत कर आरपीएफ ने ऐसा काम किया है.
ओमप्रकाश कसेरा को दिलाया कब्जा
आरपीएफ की ओर से ओमप्रकाश कसेरा को जमीन पर कब्जा दिलाया गया है. सतीश के परिवार के लोगों का कहना है कि उनके पिता रामनाथ पिल्लई ने रेलवे से इस जमीन को लीज पर लिया था. 2011 में उस जमीन को जबरन ओमप्रकाश को बेच दिया गया. पिता ने 2021 में इसको लेकर एक केस भी किया है. अब उस जमीन पर ओमप्रकाश जबरन निर्माण करवाना चाहता था.
कोर्ट का भी खयाल नहीं आया आरपीएफ को
मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण ओमप्रकाश उस जमीन पर निर्माण कार्य नहीं करवा पा रहे थे. आरपीएफ और रेलवे की लैंड विभाग की ओर से 28 जून को जबरन सतीश पिल्लई की जमीन को कब्जा दिलवाने का काम किया गया.
पत्नी और बेटी ने भी किया था आत्मदाह का प्रयास
जिस दिन कब्जा दिलाने का काम चल रहा था उस सतीश की बेटी और पत्नी ने भी आत्मदाह करने का प्रयास किया था. इस बीच आरपीएफ ने दोनों को तो रोक लिया, लेकिन सतीश पिल्लई को नहीं रोका गया.
थाने में भी नहीं सुनी गयी
सतीश ने जब आरपीएफ के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया था, तब उन्हें बचाने का प्रयास आरपीएफ की ओर से नहीं किया गया था. बाद में परिवार के लोग जब मामले को लेकर स्थानीय थाने में गये तब वहां पर भी उनकी नहीं सुनी गयी.
आखिर कैसे ओमप्रकाश के नाम हो गयी जमीन
सतीश पिल्लई के नाम पर रेलवे से लीज पर ली गयी जमीन आखिर कैसे ओमप्रकाश के नाम पर चली गयी. यह जांच का विषय है. परिवार के लोग इसी की जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब उनकी कोई नहीं सुन रहा है. अब परिवार के लोग मामले को लेकर कोर्ट जायेंगे. उन्हें कोर्ट पर न्याय का पूरा भरोसा है.
सतीश पिल्लई ने जलने के बाद क्या दिया था बयान
सतीश पिल्लई जब जल गये थे तब भी अस्पताल में कहा था कि आरपीएफ और लैंड विभाग की ओर से जबरन जमीन को कब्जा दिलाने का काम गया है. इसके पहले परिवार के लोग आरपीएफ के पास भी जमीन के कागजात लेकर गये थे, लेकिन उनकी नहीं सुनी गयी. कोर्ट में केस लंबित है. बावजूद जबरन उन्हें जमीन से बेदखल कर दिया गया है. वे इसके पहले पूरे मामले में रेल मंत्री और डीआरएम को भी ट्वीट कर जानकारी दे चुके थे.