ASHOK KUMAR
जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे स्टेशन से दो किलोमीटर की दूरी पर बसा रेलवे लोको कॉलानी और अवैध झोपड़ियों को अब रेलवे की ओर से जमींदोज करने की योजना है. इसके लिए रेलवे की ओर से विभागीय अधिकारियों को इससे संबंधित दिशा-निर्देश भी दिया गया है और वे इसको अमली-जामा पहनाने में भी जुट गए हैं. रेलवे की इस कदम से कॉलोनी में झोपड़ी बनाकर रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है. रेलने की ओर से अब लोको कॉलोनी में कोचिंग डिपो, वाशिंग लाइन और रेलवे लाइन बिछाने की योजना बनाई गई है. वंदे भारत एक्सप्रेस को यहीं पर खड़ी करने की योजना रेलवे की ओर से बनाई गई है. इसी के जद में लोको कॉलोनी आ रहा है.
पीएम मोदी के आगमन पर भी तोड़ा गया था अवैध मकान
पीएम मोदी का जब जमशेदपुर में आगमन होने वाला था तब भी डीआरएम के आदेश पर लोको कॉलोनी में बुल्डोजर लगाकर अवैध रूप से बने कुछ झोपड़ियों को जमींदोज करने का काम किया गया था.
आठ मंजिली ईमारत बनाने की भी है योजना
रेलवे की ओर से यहां से मकानों को खाली करने के बाद रेल कर्मचारियों के लिए 8 मंजिली ईमारत भी बनाने की योजना है. फिलहाल लोको कॉलोनी में बना पूर्व का रेलवे क्वार्टर काफी जर्जर हो गया है और खाली भी करवाया गया है.

पांच दशक से रह रहे हैं लोग
रेलवे लोको कॉलोनी में पांच दशक पहले ही अवैध रूप से बस्तियां बनाई गई थी. इन बस्तियों में 5000 से भी ज्यादा लोग निवास करते हैं. ऐसे में इन लोगों का क्या होगा. चर्चा का विषय बना हुआ है. विधायक और सांसद की ओर से यहां पर बसे लोगों के लिए मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया कराने का काम किया गया है. लोको कॉलोनी में बसी बस्तियों को मिलाकर ही सुसनीगड़ेया अलग पंचायत भी बनाया गया है. अब वह पंचायत अस्तित्व विहिन हो जाएगा.
एक बार फिर होगा आंदोलन
लोको कॉलोनी की बस्ती में रहने वाले लोग अपने आशियानें को बचाने के लिए इसके पहले भी कई बार आंदोलन कर चुके हैं. अब फिर से उन्हें आशियाना उजड़ने की चिंता सता रही है. ऐसे में वे एक बार फिर से आंदोलन का रूख अख्तियार कर सकते हैं. अपनी समस्या को लेकर वे सांसद और विधायक से भी गुहार लगाएंगे. वहां के लोगों का कहना है कि बस्तियों को उजाड़ने के पहले रेलवे की ओर से उन्हें पहले बसाने का काम करना होगा.
बस्ती बसने के लिए कौन है जिम्मेवार
आखिर लोको कॉलोनी में बस्ती बसने के लिए कौन जिम्मेवार है? इस सवाल का जवाब वहां के लोग खुद जानना चाह रहे हैं. एसएसपी और डीसी की ओर से बार-बार बैठक करके कहा जाता है और अगर किसी क्षेत्र में अतिक्रमण होता है तब उसके जिम्मेवार खुद थानेदार होंगे. लेकिन कभी भी उस आदेश और निर्देश का पालन नहीं होता है. रेलवे लोको कॉलोनी में बस्तियां बसाने के लिए रेलवे का लैंड विभाग, आरपीएफ और स्थानीय पुलिस जिम्मेवार है. वे यहां से अवैध वसूली करके चले जाते हैं और आसानी से आशियाना खड़ा हो जाता है. अब आशियाना उजाड़े जाने को लेकर लोको कॉलोनी के बस्तियों में रहने वाले 5000 से अधिक लोग आक्रोश में हैं.
नहीं मिली बिजली की सुविधा
कॉलोनी की बस्तियों में रहने वाले लोग दशकों से बिजली की सुविधा देने की मांग सांसद और विधायक से कर रहे थे, लेकिन उन्हें इसकी सुविधा नहीं दी गई है. कॉलोनी पूरी तरह से रेलवे लाइन के भीतर बसी हुई है. बिना रेलवे लाइन पार किए कॉलोनी में जाने का कोई रास्ता ही नहीं है.
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लोको कॉलोनी में चर्चित है पहाड़ी पूजा
लोको कॉलोनी में शिन मंदिर और राम मंदिर के अलावा पहाड़ी पूजा के लिए भी एक मंदिर का निर्माण कराया गया है. रेलवे की जद में इन मंदिरों को भी ले लिया जाएगा.