रजनी के जन्मदिन पर लोगों को जंगली जानवरों के प्रति जागरूक करना ही मुख्य उद्देश्य है. वन विभाग यह संदेश देना चाहता है कि जानवर भी पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण हैं. उनका भी अपना महत्व है. वन विभाग की कोशिश है कि इससे दूसरे भी सीख लें. झुंड में रहने वाली मादा हथिनी रजनी हाथियों के झुंड से बिछड़कर चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के जरगोडीह के पास एक गड्ढे में फंसी हालत में मिली थी. घायलाअवस्था में उसे निकालकर टाटा जू लाया गया था, टाटा जू के डॉक्टर एम पालित की देख-रेख में रजनी का इलाज हुआ था. जब रजनी ठीक हो गई तब उसे दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी माकुलाकोचा लाया गया. दलमा के मकुलाकोचा चेकनाका में बकायदा इस हथिनी का नामकरण रजनी के रूप में किया गया. उसी समय से रजनी का मनाया जाता है.
सरायकेला खरसावां : दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक वन्य प्राणी सप्ताह पर शुक्रवार को माकुलाकोचा चेकनाका में हथिनी रजनी का 14वां जन्मदिन मनाया गया. इस दौरान 20 पाउंड का केक काटा गया. मौके पर जामशेदपुर के शंकोसाई के स्कूली के बच्चे, वन रक्षी और पदाधिकारी के साथ ग्रामीण भी शरीक हुए.
दलमा पश्चिमी रेंजर दिनेश चंद्रा ने बताया कि ये खुशी की बात है. इससे लोगों में एक अच्छा संदेश जाता है कि जब हम अपने घर के बच्चों का जन्मदिन मना सकते हैं तो वन्यप्राणी का क्यों नहीं.