रांची ।
झारखंड सरकार को नयी उत्पाद नीति से बड़ा घाटा हुआ है. यह उत्पाद नीति मई 2022 में लागू की गई थी. उसके बाद से ही शराब की बिक्री में भारी गिरावट आना शुरू हो गया था. फिलहाल स्थिति यह है कि पिछले मई महीने से लेकर नवंबर महीने तक विभाग को 562 करोड का नुकसान हुआ है. इस उत्पाद नीति के तहत छत्तीसगढ़ की एजेंसी को करीब 1700 करोड़ के राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन अब तक एजेंसी ने सिर्फ 184 करोड़ का ही लाभ दिखाया है. उसमें अतिरिक्त कटौती भी इंक्लूड किया गया है. जिस तरह से राजस्व वसूली में कमी आई है, उससे विभाग इस बात को लेकर चिंतित है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 22 सौ करोड़ के लक्ष्य को कैसे पूरा किया जाएगा.
जरूरत पड़ी तो एजेंसी से वसूला जा सकता है जुर्माना
इधर राजस्व में घाटा को देखते हुए मंगलवार को मध निषेध मंत्री जगन्नाथ महतो ने अब तक की स्थिति की सिलसिलेवार ढ़ंग से समीक्षा की. उन्होंने बताया कि जिस एजेंसी को झारखंड में शराब नीति को संचालित करने के लिए जिम्मेदारी दी गई थी. वह खरा नहीं उतर पा रही है. जरूरत पड़ी तो एजेंसी से जुर्माना भी वसूला जाएगा.
सरकार को पहले ही किया था सचेत : संघ
झारखंड शराब विक्रेता संघ के सचिव सुबोध जायसवाल ने कहा कि ऐसी स्थिति आनी ही थी. उन्हें पहले सी ही इसका अंदेशा था. इसे लेकर संघ की ओर से सरकार और विभाग को सचेत भी किया जा रहा था, लेकिन कुछ लोगों की गलतफहमी के कारण विभाग ने स्थानीय लोगों पर विश्वास नहीं कर दूसरे राज्यों पर विश्वास किया. उसका नतीजा आज देखने को मिला और झारखण्ड को भारी राजस्व का नुकसान हुआ है.