Ranchi : झारखण्ड सरकार शराब से अपनी कमाई को बढ़ाने के लिए तैयारी में है। इसी क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में नई उत्पाद नीति को मंजूरी दे दी। उत्पाद सचिव विनय चौबे के अनुसार फिलहाल राज्य में शराब की गोदामों की संख्या 75 है। नई शराब नीति के तहत इसकी संख्या घटकर 5 की जायेगी। सभी प्रमंडल में गोदाम होंगे। इनका संचालन झारखंड स्टेट बिव्रेजेज कॉरपोरेशन लिमिटे (जेएसबीसीएल) करेगा। खुदरा दुकानों की संख्या 750 से बढ़कर 15 सौ हो जाएगी। इन्हें चलाने की जिम्मेदारी एक एजेंसी को दी जाएगी। इस पर उत्पाद विभाग का नियंत्रण होगा। नई शराब नीति में तस्करी को रोकने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
देशी शराब को लेकर भी बड़ा फैसला
वहीँ देशी शराब अब शीशे की बोतल में ही बिकेगी। हर बोतल पर होलोग्राम होगा। इससे पता चलेगा कि उत्पादन कहां हुआ और किस गोदाम से निकली है। यह भी पता चल जाएगा कि कहां जाना है। इन जानकारियों से शराब के दाम का भी पता चल सकेगा। साथ ही कोई ज्यादा कीमत नहीं ले सकेगा। इससे राज्य के बाहर खासकर बिहार में झारखंड की शराब की तस्करी पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी। इसके अलावा बार को शराब बेचने के लिए न्यूनतम गारंटी भी देनी होगी। हेमंत कैबिनेट ने नई उत्पाद नीति के तहत किए गए इस बदलाव पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके तहत शराब बेचने से होने वाले राजस्व को 1800 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है।