रांची : बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने, पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव से झारखंड में मौसम में अचानक बदलाव आया है. मंगलवार को राज्य के कई इलाकों में बारिश, ओलावृष्टि और आंधी आई थी, जिससे तापमान में गिरावट आई है. रांची में भी शाम को तेज हवा के साथ बारिश हुई, जिससे लगभग 10 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई. इसके अलावा, खूंटी और आसपास के इलाकों में भी रुक-रुक कर बारिश होती रही.
मौसम विज्ञान केंद्र ने 16 से 19 अप्रैल तक राज्य में तेज हवाओं, गरज और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के अनुसार, आगामी दिनों में झारखंड के कई हिस्सों में बारिश की संभावना बनी रहेगी. वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने कहा कि इस वर्ष झारखंड में मॉनसून के दौरान 96 से 104 प्रतिशत तक बारिश हो सकती है.
क्यों हो रहा है मौसम में यह बदलाव?
मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के साथ-साथ पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण राज्य के मौसम पर असर पड़ा है. यह कारण हैं, जिनकी वजह से तेज हवाएं, गरज और बारिश हो रही है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 21 अप्रैल तक आसमान में बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश हो सकती है. तेज हवाओं की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, और कभी-कभी यह 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी हो सकती है. इस दौरान वज्रपात का खतरा भी बना रहेगा.
मौसम विभाग ने 16 से 19 अप्रैल तक झारखंड में गर्जन, वज्रपात और तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश की चेतावनी जारी की है. इसे देखते हुए पूरे राज्य में येलो अलर्ट जारी किया गया है. विशेषकर झारखंड के उत्तर पश्चिमी हिस्सों जैसे पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा, कोडरमा और लोहरदगा में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने राज्यवासियों को अपील की है कि वे तेज हवाओं और वज्रपात के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें और बाहर जाने से बचें. विशेषकर आंधी-तूफान के दौरान बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहें.