मुसाबनी : मुसाबनी प्रखंड के रसका रुसिका जियाड कुइलीसूत नृत्य मंडली 19 सालों से इस क्षेत्र में आदिवासी नृत्य कला को संजोए रखने का काम कर रही है. नृत्य मंडली इस क्षेत्र का सबसे बड़ी नृत्य मंडली है. इसमें लगभग 350 लोग जुड़े हुए हैं. मंडली को बाहा और करम नृत्य में दक्षता हासिल है. इस क्षेत्र में आदिवासी कला संस्कृति को बचाए रखने में इनकी अच्छी खासी भूमिका है.
सरकार से कुछ नहीं मिला
नृत्य मंडली आस-पास के जमशेदपुर, घाटशिला, मुसाबनी में अपना प्रदर्शन दिखाती है. आदिवासी नृत्य कला को बचाए रखने के लिए इन लोगों को सरकार से काफी उम्मीदें हैं. अबतक नहीं मिल पाई है. इन लोगों की सबसे बड़ी समस्या कार्यक्रम में दूर-दराज जाने में आती है. इसके लिए वे लोग बड़ी बस का सहारा लेते हैं. इसका खर्च काफी आता है. आदिवासी कला संस्कृति को बचाए रखने के लिए नृत्य मंडली हर आदिवासी कल्चरल प्रोग्राम में अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं.