ASHOK KUMAR
नई दिल्ली : जून और जुलाई 2024 में उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे (NFR) के अंतर्गत RPF ने 88 बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को गिरफ्तार किया. इनमें से कुछ ने भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने की बात कबूल की और इन्हें कोलकाता जैसे स्थानों पर जाते हुए रेल यात्रा के दौरान पकड़ा गया. अक्टूबर 2024 की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ कि बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा उपायों के बावजूद अवैध प्रवासी असम को ट्रांजिट रूट और रेलवे को देश के अन्य हिस्सों में पहुंचने के लिए प्राथमिक साधन के रूप में उपयोग कर रहे हैं. ये घटनाएं भारतीय अधिकारियों के लिए रेलवे नेटवर्क की निगरानी और अवैध घुसपैठ को रोकने में आने वाली चुनौतियों को उजागर करती हैं.
एजेंसी के सहयोग से कर रही है काम
इस मुद्दे को देखते हुए RPF ने सीमा सुरक्षा बल (BSF), स्थानीय पुलिस और खुफिया इकाइयों जैसे प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर अपने प्रयास तेज कर दिए हैं. इस अंतर-एजेंसी सहयोग ने परिचालन दक्षता में सुधार किया है और अवैध प्रवास में शामिल व्यक्तियों की तेजी से पहचान और गिरफ्तारी को संभव बनाया है.
