Home » Chakradharpur : तमिलनाडु से वापस लौटी दस युवतियों को आरपीएफ ने सौंपा सुरक्षित हाथों में, परिजनों का साथ पाकर युवतियों के चहरे खिले, सभी ने कहा अब नहीं जाएँगी बाहर
Chakradharpur : तमिलनाडु से वापस लौटी दस युवतियों को आरपीएफ ने सौंपा सुरक्षित हाथों में, परिजनों का साथ पाकर युवतियों के चहरे खिले, सभी ने कहा अब नहीं जाएँगी बाहर
Chakradharpur : तमिलनाडु में पिटाई और शोषण की शिकार बनी झारखंड की 10 आदिवासी युवतियां आखिरकार अपने घर वापस चक्रधरपुर लौट आई। इन सभी को चक्रधरपुर आरपीएफ ने अपने पास सुरक्षित रखा हुआ था। शनिवार को परिजनों से संपर्क कर आरपीएफ ने सभी को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। परिजनों का साथ पाकर युवतियों के चेहरे खिल उठे। मालूम रहे की ये युवतियां तामिलनाडु के एक धागा कंपनी में काम करती थीं। हाल ही में इनके साथ शोषण और मारपीट होने का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद समाज के कुछ युवकों ने उन प्रताड़ित युवतियों को तमिलनाडू से बचाकर घर लाने का प्रयास किया और सभी युवतियां चक्रधरपुर पहुँच गयी। तमिलनाडु में यातनाएं सह रही इन युवतियों को वापस चक्रधरपुर तक लाने में पांच लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इनमें झारखंड जगुआर एसटीएफ के जवान सुनील कुमार बोइपाई, एसएसबी जवान हरिचरण हांसदा, रेलकर्मी सामू कर्मा, समाजसेवी अवनी महतो, रेलकर्मी ब्रजमोहन बोदरा और शिक्षक निरुप प्रधान शामिल थे। इन युवतियों को चक्रधरपुर के आरपीएफ पोस्ट में महिला आरपीएफ जवान की सुरक्षा में रखा गया था। शनिवार को युवतियों के परिजनों को चक्रधरपुर बुला कर उन्हें युवतियों को सौंप दिया गया। वहीं प्रताड़ित युवतियां और परिजनों से शपथ ली कि दोबारा रोजगार की तलाश में अन्य राज्य नहीं जाएँगी। वहीं अभिभावकों ने भी अपने बच्चों को रोजगार के लिए बाहर नहीं भेजने की बात कही है।