जमशेदपुर।
श्री गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्रों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह एवं उनकी दादी माता
गुजर कौर व चमकौर की जंग में शहीद हुए सिखों को सोमवार को गोलपहाड़ी गुरुद्वारा में याद किया गया.
सर्वप्रथम सिख स्त्री सत्संग सभा की बीबीयों ने श्री सुखमणि साहिब का पाठ किया. उपरांत विशेष कीर्तन दरबार सजा.
भाई मनप्रीत सिंह और सुंदरनगर के जत्थे ने गुरवाणी कीर्तन कर संगत को निहाल किया.
सभा की ओर से इस साल भी क्षेत्र के छोटे बच्चों को गुरु घर से जोड़ने और सिख इतिहास से जोड़े रखने का उपराला किया गया था.
इसके तहत छोटे-छोटे बच्चों ने कविता पाठ किया. सभी बच्चों को गुरुद्वारा कमेटी ने हौंसला बढ़ाते हुए ईनाम देकर पुरुस्कृत किया.
दोपहर डेढ़ बजे तक समागम सजा. उसके उपरांत ग्रंथी बीबी गुरमीत कौर ने अरदास की और समागम का समापन हुआ.
इस मौके पर संगत के बीच गुरु का अटूट लंगर भी वितरित किया गया.
गुरु दरबार में कीताडीह, परसुडीह, सरजामदा व सुंदरनगर की संगत ने भी हाजरियां भरी.
इनका रहा सहयोगःः
समागम को सफल बनाने में चेयरमैन इंदरजीत सिंह साब, प्रधान लखविंदर सिंह, मीत प्रधान गुरशरण सिंह टीटू, सविंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, सेंट्रल स्ख स्त्री सत्संग सभा की प्रधान बीबी सुखजीत कौर, गुरुद्वारा की प्रधान बीबी परमजीत कौर पम्मी, महासचिव बेबी कौर, त्रिपता कौर, ग्रंथी गुरमीत कौर, पूर्व प्रधान गुरमीत कौर, जसविंदर कौर, जस्सू कौर, ज्योती कौर, ईशा कौर, कविता कौर, , मंजीत कौर, नौजवान सभा की टीम गायकर डी किंग, अमनदीप सिंह भाटिया, तरण संधू, सतबीर सिंह, हैप्पी सिंह, करमजीत सिंह कम्मे, गगनदीप सिंह मेहरा आदि का योगदान रहा.