जमशेदपुर : पूर्व सांसद सह आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने बयान जारी करके कहा है कि आखिर पुलिस अफसर रूपा तिर्की प्रकरण में हेमंत सरकार का जन विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। सारे प्रपंचों को दरकिनार कर झारखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले पर सीबीआई जांच का आदेश देकर झारखंड सरकार के मुंह में एक जोरदार थप्पड़ मारा है। न्याय की प्रक्रिया को जीवित रखा है।
जीत के लिए माता-पिता व सहयोगियों को बधाई
इस जीत के लिए रूपा के माता-पिता, सभी सहयोगी, जन संगठनों और वरिष्ठ वकील राजीव कुमार तथा पत्रकार तीर्थनाथ आकाश के साथ सभी संघर्षशील जनता बधाई के पात्र हैं। सेंगेल की ओर से मंगलवार को 5 प्रदेशों में हेमंत सरकार का पुतला जलाकर 7 मांगों के साथ रामेश्वर मुर्मू और रूपा तिर्की के संदिग्ध मौतों पर सीबीआई जांच की मांग की थी।
शहीद सिदो मुर्मू की संदिग्ध मौत की हो सीबीआइ जांच
झारखंड सरकार ने सेंगेल के लंबे संघर्ष और दबाव के बाद महान शहीद सिदो मुर्मू की छठवीं पीढ़ी रामेश्वर मुर्मू के संदिग्ध मौत (12 जून 2020) पर 26 सितंबर 2020 को सीबीआई जांच की घोषणा हो चुकी है। मगर कोई जांच अबतक नहीं हुई है। सेंगेल की मांग है दोनों के संदिग्ध मौतों की सीबीआई जांच एक साथ हो। दोनों मामले साहिबगंज जिला पुलिस-प्रशासन और ठेकेदारी- सफेदपोश आदि के गठजोड़ से जुड़ा हो सकता है। उपरोक्त दोनों मामलों पर हेमंत सरकार ने आदिवासी जनभावना और झारखंडी जनमानस को घोर निराश किया है।
आदिवासी विरोधी है हेमंत सरकार
हेमंत सरकार आदिवासी विरोधी प्रमाणित हो चली है। सरना धर्म के मामले पर लटकाने-भटकाने का काम किया है। बिना राज्यपाल के अनुशंसा के प्रस्ताव सीधे केंद्र को भेज दिया। 23. मार्च 2021 को सीएनटी-एसपीटी को तोड़कर लैंड पुल बिल पास किया। टीएसी के लिये जारी 4 जून 2021 का नोटिफिकेशन संविधान की धारा 244 (1), 4(3) का घोर उल्लंघन और राजपाल के अधिकारों को हड़प कर आदिवासी विरोधी होने का प्रमाण देता है।
संताली को प्रथम राजभाषा नहीं बनाया
केंद्र और तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की अनुशंसा के बावजूद संताली भाषा को झारखंड की प्रथम राजभाषा (अनुच्छेद 345) अब तक नहीं बनाया गया। झारखंडी डोमिसाइल नीति नहीं बनी। अभी बिरसा मुंडा एयरपोर्ट की तर्ज पर देवघर में सिदो मुर्मू एयरपोर्ट की जगह केवल वोट के लिए बाबा बैजनाथ एयरपोर्ट की अनुशंसा की गई। हेमंत सरकार के आदिवासी विरोधी क्रिया-कलापों के खिलाफ जल्द ही झारखंड के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
26.9.2020 को सीबीआई जांच की घोषणा हो चुकी है। मगर कोई जांच अबतक नहीं हुई है।