जमशेदपुर : पोटका विधानसभा सीट से दो बाद निर्दलीय विधायक बनने नाले सनातन माझी ने गुरुवार की सुबह कोलकाता के मेडिकल रिसर्च इंस्टीच्यूट में दम तोड़ दिया। वे कोरोना पॉजिटिव थे। इसके बाद ही उन्हें कोलकाता रेफर किया गया था। इधर उनके निधन के बाद सिर्फ पोटका में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य शोक की लहर है। परिवार के लोग उनके शव को लाने के लिए कोलकाता के लिए रवाना हो गए हैं। वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ सोनारी आवास पर रह रहे थे। उनके घर में पत्नी और बच्चों के अवाला भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
1969 में सनातन सरदार को पहली बार हराया था
सनातन माझी ने सबसे पहले वर्ष 1969 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सनातन सरदार को हरा दिया था। इसके बाद वे दोबारा निर्दलीय 1972 में चुनाव लड़े थे। वे 1977 तक विधायक रहे।
पूर्व में कांग्रेस पार्टी जिला अध्यक्ष चुके थे
सनातन माझी की बात करें तो वे पूर्व में कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी गिनती एक कद्दावर और जाने-माने नेता के रूप में होती थी। उनके निधन के बाद हर कोई मर्माहत है।
फिलहाल थे झामुमो के केंद्रीय सदस्य
पोटका विधायक संजीव सरदार का कहना है कि वर्ष 2014 में उन्होंने झामुमो का दामन थामा था। इसके बाद उन्हें केंद्रीय सदस्य बनाया गया था। वे हमेशा से साथ चलने की बात कहते हैं। जब वे विधायक थे, तब शिक्षा के क्षेत्र में एलबीएसएम कॉलेज को बढ़ावा देने का भी काम किया था। विधायक ने बताया कि वे बराबर उनका मार्गदर्शन लेने का काम करते थे। विधानसभा सत्र के समय भी वे संबंधित जानकारियां लेने के लिए उनके पास जाते थे।