सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा रही है. हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने करवाई प्रारंभ करते हुए चार झोलाछाप चिकित्सकों के संस्थान को बंद करने के लिए नोटिस दिया है, जबकि इससे पूर्व पांच वर्षों में 40 झोलाछाप चिकित्सकों की डिस्पेंसरी स्वास्थ्य विभाग में बंद करा चुका है. विभाग की इस कार्रवाई से जहां झोलाछाप चिकित्सकों में हड़कंप है, वहीं सरकार के इस करवाई से आम लोगों को भी लाभ मिल रहा है. वे बेवजह गलत स्थान पर इलाज करने से बच रहे हैं.
बताया जा रहा है कि कोरोना के समय स्वास्थ्य विभाग जहां कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटा था, वहीं झोलाछाप चिकित्सक लोगों को लूटने में लग गए थे. कोरोना संक्रमण कार्यकाल में झोलाछाप चिकित्सकों को अपनी जड़ ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत करने में काफी सहयोग मिला, क्योंकि उस समय लोग कोरोना संक्रमण की डर से अस्पताल तक मरीज नहीं पहुंच रहे थे. वे घर पर ही किसी तरह अपनी इलाज कराने में ही अपनी भलाई समझ रहे थे. उस दौरान झोलाछाप चिकित्सक केवल नाम चेंज कर कुछ दवाइयां को बैग में भरकर गांव-गांव घूमते थे और लोगों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलते थे. (नीचे भी पढ़ें)
हाल ही में इन क्लीनिकों को दिया गया नोटिस
आदित्यपुर आशियाना स्थित श्री क्लिनिक, गम्हरिया स्थित स्माइल डेंटल क्लिनिक एवं अमित विश्वास क्लिनिक तथा कांड्रा मेन रोड स्थित आर्शीवाद क्लिनिक में कल 18 बिंदुओं पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जांच किया गया. इसमें सीइए 2010 के अंतर्गत निबंध नहीं पाया गया है. क्लीनिक में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था नहीं थी और जहां-तहां मेडिकल वेस्टेज फेके गए थे. इन क्लीनिक में फायर सेफ्टी मैनेजमेंट की व्यवस्था भी नहीं थी.
सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के आलोक में टीम बनाकर सभी क्लीनिक की जांच की जा रही है. जांच के दौरान विभाग के 18 पैरामीटर को देखा जा रहा है, जिसमें क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन एवं चिकित्सकों की डिग्री भी शामिल है. उन्होंने कहा कि पिछले 5 सालों में 75 क्लीनिक को नोटिस किया गया है, जिसमें विभागीय गाइडलाइन के अनुसार 40 क्लीनिको को बंद कर दिया गया है. शेष बचे 35 क्लिनिक को नोटिस किया गया है.