सरायकेला : “चैत्रपर्व छऊ- महोत्सव- 2025 का शुभारंभ शुक्रवार की देर शाम दीप प्रज्वलन से हुई. झारखंड सरकार के लिए निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग सह परिवहन विभाग के मंत्री दीपक विरुवा ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस मौके पर सांसद कालीचरण मुंडा, विधायक दशरथ गागराई, विधायक सविता महतो, जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, उपाध्यक्ष मधुश्री महतो, उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला व पुलिस अधीक्षक मुकेश लुणायत एवं तमाम पदाधिकारी उपस्थित रहें.
कार्यक्रम संबंधित करते हुए मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि झारखंड सरकार कला एवं सांस्कृतिक संरक्षण के लिए कृतसंकल्पित है. कला को संरक्षण देने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है और आगे भी यह जारी रहेगी. मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा छऊ नृत्य हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे राज्य सरकार बचाने को प्रयासरत है. छऊ नृत्य के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरायकेला व झारखंड को मिली अमिट पहचान हमारे लिए गर्व है. यूनेस्को ने भी छऊ को हेरिटेज का दर्जा दिया है. छऊ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात है, लेकिन हम भारत स्तर पर छऊ के लिए विशेष नहीं कर पा रहे हैं. राज्य सरकार छऊ के विकास के लिए प्रयासरत है. छऊ कला मार्शल आर्ट जैसे कलाओं का संगम है. जिसका नृत्य विभिन्न पौराणिक कथाओ पर आधारित होता है. हम सबको मिलकर छऊ का संरक्षण करना है. (नीचे भी पढ़ें)
इस अवसर पर सिंहभूम सांसद जोबा माझी ने कहा कि सरायकेला छऊ नृत्य कला की बुनियाद है. राजा महाराजा काल से छऊ नृत्य हो रहा है. छऊ नृत्य को लेकर हमे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली है. खूंटी के सांसद कालीचरण मुंडा ने कहा कि सरायकेला छऊ का उद्गम स्थल है जहां राजा-प्रजा मिलकर छऊ करते थे. राज्य सरकार छऊ के विकास के लिए कार्य करेगी. सांसद ने गांव की अखाड़ा वाले कलाकारों को भी मंच पर कला का प्रदर्शन करने का मौका देने की बात कही. विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि छऊ नृत्य सरायकेला खरसावां का नाम विश्व पटल पर नाम ऊंचा किया है. सभी छऊ कलाकारो ने अपना नाम ऊंचा किया है जो धन्यवाद के पात्र है. विधायक ने दिवंगत पद्मश्री को नमन करते हुए कहा मैं भी छऊ नृत्य कर चुका हूं. कला के साथ खेलकूद में भी जिला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान कायम करने में सफल रहा है.