सरायकेला : सूबे का मुख्यमंत्री बनने के बाद चंपई सोरेन बुधवार को पहली बार अपने पैतृक गांव झिलिंगगोड़ा पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री का स्वागत करने पूरा गांव उमड़ पड़ा. पैतृक आवास के पास बने हेलीपैड में मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर लैंडिंग को देखने गांव के लोग घंटो जमा रहे. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपने पैतृक आवास पहुंचे. मौके पर उनकी पत्नी, बहु समेत परिजनों ने आदिवासी रीति-रिवाज के साथ उनका स्वागत किया. इससे पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सिद्धू-कान्हू प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने घर के पास बने जाहेरथान में जाकर आदिवासी वेश-भूषा धारण कर पूजा पाठ भी किया. इस मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदारी इन्हें मिली है. उसका शत प्रतिशत निर्वहन करेंगे. (नीचे भी पढ़ें)
चंपई सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन के अधूरे कार्य को पूरा कर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है. उन्होंने कहा कि युवा मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन की सोंच आदिवासी मूलवासियों के उत्थान और विकास को लेकर बने योजनाओं को अमली जामा पहनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के धार्मिक स्थलों जाहेर थाना सौंदर्यीकरण कर रूप में विकसित किया गया है. उसी प्रकार मूलवाशियों के भी धार्मिक स्थलों को जनहित कर विकसित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयास से आज गांव तक विकास योजनाओं को पहुंचाने का कार्य शुरू किया गया है, जो निरंतर जारी रहेगा. मुख्यमंत्री के स्वागत में उमड़े लोगों के प्रति चंपई सोरेन ने धन्यवाद किया.
आप्त सचिव के पिता के निधन पर पहुंचे आवास
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपने आप्त सचिव गुरु प्रसाद महतो के पिता के निधन होने पर उनके गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत तिरुलडीह गांव पहुंचे, जहां उन्होंने आप्त सचिव के पिता के शव के दर्शन किए और माल्यार्पण किया. मुख्यमंत्री के आगमन और कार्यक्रम को लेकर कोल्हान आयुक्त मनोज कुमार, डीआईजी अजय लिंडा, सरायकेला उपायुक्त ,एसपी समेत सरायकेला जिला प्रशासन के तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे.
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