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Saraikela : वैज्ञानिकों की उच्चस्तरीय टीम करेगी डीडी स्टील के प्रदूषण की जांच, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का आदेश
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार डीडी स्टील एंड पॉवर लिमिटेड का धुंआ मुड़िया पंचायत के कई ग्रामीणों की जान ले चुका है. कंपनी के धुंए से जान गवां बैठे एक स्थानीय आदिवासी युवक के पिता मुड़िया निवासी रामेश्वर हो ने बताया की कुछ दिन पहले उनका इकलौता बेटा डीडी स्टील के धुएं की वजह से दमा और टीबी का शिकार हो गया था. वे लोग झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं जिले के उपायुक्त को इसकी शिकायत कर कर के थक चुके है. बावजूद इसके कंपनी प्रबंधन के प्रभाव से उनकी एक नहीं सुनी गई. अब भी पूरे क्षेत्र में जानलेवा प्रदूषण फैलाया जा रहा है.
गम्हरिया : सरायकेला-खरसावां जिला के गम्हरिया प्रखंड के मुड़िया पंचायत स्थित डीडी स्टील एंड पॉवर लिमिटेड के प्रदूषण का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल), कोलकाता बेंच ने बीते 3 अक्टूबर को सुनवाई के बाद तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय कमिटी का गठन करते हुए केंदीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड एवं झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की देखरेख में चार हफ्तों के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. (नीचे भी पढ़ें)
मामले में याचिकाकर्ता के पैरबिकार अधिवक्ता रविशंकर पाण्डेय ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस मामले को गंभीर बताते हुए तत्काल केंदीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक व सरायकेला के जिला उपायुक्त वाली तीन सदस्यीय जांच टीम के गठन का निर्देश जारी किया है. यह टीम चार हफ्तों के भीतर डीडी स्टील एंड पॉवर लिमिटेड द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुंचाने का आकलन करते हुए जुर्माना राशि का भी निर्धारण करेगी.
जैव विविधता हो रहा नष्ट : रविशंकर पाण्डेय
शिकायतकर्ता के वकील ने वर्तमान स्थिति को विष्फोटक बताते हुए एनजीटी से तत्काल कंपनी को बंद कर पर्यावरण को हुए नुकसान का आकलन करने का अनुरोध किया है. साथ ही डीडी स्टील को पूरे सरायकेला क्षेत्र के जैव विविधता के लिए एक बड़ा खतरा भी बताया है.