ICHAGARH : सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के सितु पंचायत के कई गांवों में बने सोलर चालित जल मिनारों में इन दिनों ग्रहण लड गया है. इससे उमस भरी इस भीषण गर्मी में लोग पेयजल के लिए तरस रहे हैं. 14वें व 15वें वित्त आयोग के मुखिया फंड से निर्मित जल मिनारों की मरम्मत नही होने से अधिकांश जल मीनार खराब है. सितु पंचायत के पिलीद में तीन, खेरवन में एक हरतालडीह में एक सोलर चालित जल मीनार खराब है. सरकारी गाइडलाइन के अनुसार पेयजल आपूर्ति को दुरुस्त करने के लिए पंचायत व पीएचडी विभाग से चापाकल, जल मीनार आदि की मरम्मत कर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है. (नीचे भी पढ़ें)
ग्रामीणों का कहना है कि जल मीनार खराब होने की सूचना भी पंचायत प्रतिनिधियों को दिया गया है. बताया जा रहा है कि कागज कलम पर ही इसकी मरम्मत की जाती है. हांलांकि यह जांच का विषय है. आला अधिकारियों को इसकी सुधी लेकर जांच करने की जरूरत है. ऐसे समय में जब चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी में जल संकट से लोग जूझ रहे हैं, यहां हालत यह है कि महिलाओं को गांव के बाहर बने कुएं से गंदा पानी लाकर प्यास बुझाना पड़ रहा है. पिलीद के डुंगरीहेंट में तो ग्रामीणों के लिए पेयजल का कोई साधन नहीं है. एक पुराने जमाना का बना कुएं का गंदा पानी पीने पर लोग विवश हैं. एक सरकारी चापाकल है भी तो वह भी वर्षों से खराब है. इसे देखने वाले कोई नहीं है. (नीचे भी पढ़ें)
वहीं पूर्व मुखिया पंचानन पातर ने बताया कि उनके कार्यकाल में 14वीं और 15वीं वित्त आयोग से जल मीनारों का निर्माण कराया गया था. उन्होंने कहा कि करीब एक वर्ष से पिलीद में चार, खेरवन में एक, हरतालडीह सहित कई जल मीनार खराब है. जल मीनार खराब होने से इस गर्मी में लोगों को एक चापाकल, कुआं व चु़आं से पानी लाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि जल मीनार मरम्मत का फंड भी है, फिर भी अभी तक मरम्मत नहीं किया गया. उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द जल मीनारों का मरम्मत कराने का मांग की है.