Home » Saranda Jungle : झारखंड का 10वां वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी बनेगा सारंडा, माइनिंग एरिया भी होंगे शामिल, कैबिनेट बैठक में 15 मई को प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना
Saranda Jungle : झारखंड का 10वां वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी बनेगा सारंडा, माइनिंग एरिया भी होंगे शामिल, कैबिनेट बैठक में 15 मई को प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना
रांची : झारखंड सरकार ने राज्य के सबसे बड़े और जैव विविधता से भरपूर जंगल सारंडा वन क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuary) और संरक्षण रिजर्व (Conservation Reserve) घोषित करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ा दिए हैं. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने इस संबंध में मसौदा तैयार कर लिया है, जिसे 15 मई को होने वाली कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर शपथ पत्र में बताया है कि 57,519.41 हेक्टेयर क्षेत्र को वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी और 13.06 किलोमीटर क्षेत्र को ससांगदाबुरु संरक्षण रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया जाएगा.
पूर्व प्रस्ताव की तुलना में दायरा बढ़ा
पहले के प्रस्ताव में केवल 31,468.25 हेक्टेयर को ही अभयारण्य घोषित किया जाना था, लेकिन अब माइनिंग क्षेत्र को भी इसमें शामिल कर लिया गया है. वन विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दिकी ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगते हुए संशोधित प्रस्ताव सौंपा है.
सात ब्लॉकों को किया गया शामिल
इस विस्तारित प्रस्ताव में सारंडा क्षेत्र के अंकुआ, घाटकुड़ी, कुदलीबाद, करमपदा, सामठा, तिरिलपोसी और थलकोबाद ब्लॉकों को शामिल किया गया है. वहीं, ससांगदाबुरु रिजर्व में 13,603.80 हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया गया है.
वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से मांगी गई सहमति
प्रस्ताव को वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून को भेजा गया है. वहां से सहमति मिलते ही राज्य सरकार इसकी अधिसूचना जारी करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया को दो महीने के भीतर पूरा करने का आदेश दिया है और अगली सुनवाई की तारीख 23 जुलाई 2025 तय की है. झारखंड में वर्तमान में 9 वन्य जीव अभयारण्य हैं, जिनमें दलमा, पलामू, हजारीबाग और कोडरमा प्रमुख हैं. यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो सारंडा राज्य का दसवां वन्य जीव अभयारण्य बन जाएगा.