Jamshedpur : शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के द्वारा तुलसी भवन बिष्टुपुर में मंगलवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षकों, विद्यार्थियों एवमं अविभावकों की भूमिका पर चर्चा की गई। कार्यक्रम के तहत पहले सत्र में कुल 6 सरकारी विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं ने पीपीटी के माध्यम से अपनी कक्षा में प्रयोग किए गए नवाचार के बारे में बताया। सिंपल शर्मा, अंजू कुमारी, मनोज कुमार सिंह ,अरविंद तिवारी एवं किशोर प्रसाद ने अपने विचारों को साझा किया। औपचारिक शुभारंभ अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
अतिथियों के रूप में ये थे मौजूद
अतिथियों के रूप में सुरेश गुप्ता,न्यासी एवमं अखिल भारतीय कोषाध्यक्ष,शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, प्रोफेसर करुणेश कुमार शुक्ल, निदेशक एन आई टी जमशेदपुर, अमरकांत झा जी, प्रदेश संयोजक ,डॉ रंजीत प्रसाद असोसिएट प्रोफेसर एन आई टी जमशेदपुर, डॉ कविता परमार, विभाग संयोजक, शिव प्रकाश शर्मा महानगर संयोजक उपस्थित रहें। मुख्य वक्ता सुरेश गुप्ता जी ने कहा कि शिक्षा इस राष्ट्र की सभ्यता और संस्कृति के अनुरूप होनी चाहिए ।नई शिक्षा नीति में भारतीय सोच और दृष्टिकोण को स्थान दिया गया है इसलिए इस शिक्षा नीति को लागू किया जाना चाहिए। मुख्य वक्ता प्रोफेसर करुणेश कुमार शुक्ला ने कहा कि मातृभाषा में सीखना और सिखाना ज्यादा सहज है जिस पर नई शिक्षा नीति में बल दिया गया है। जीवन में अच्छे शिक्षकों का हमेशा महत्व है। शिक्षकों को रचनात्मक और सृजनात्मक सोच रखनी चाहिए।