सरायकेला : जिला पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने कुख्यात अपराधी मनोज सरकार और उसके गिरोह के दस सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद हुआ है। पुलिस ने सोमवार को पूछताछ के बाद सभी को जेल भेज दिया। पूरे मामले का खुलासा करते हुए जिले के एसपी मोहम्मद अर्शी ने बताया कि उन्हें सूचना मिल रही थी कि कुछ अपराधी जिले में बड़ी अपराध की घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने अलग-अलग कई टीमों का गठन कर इनकी धरपकड़ के लिए अभियान शुरू किया था। रविवार की शाम चौका थाना क्षेत्र स्थित हाईवे पर चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक कार को रुकवाया। इसमें अपराधी डोमनिक सैमसंग, अधीर प्रधान दीपू ओझा मौजूद थे। तलाशी लेने पर इनके पास से हथियार भी बरामद हुआ।
पूछताछ करने पर उन्होंने स्वीकार किया कि कई आपराधिक घटनाओं को उन लोगों ने अंजाम दिया है। उनकी निशानदेही पर खरसावां क्षेत्र से दो अपराधियों की गिरफ्तारी हुई, इनके पास से भी पुलिस ने हथियार बरामद हुआ। कड़ाई से पूछताछ करने पर इन लोगों ने बताया कि सरायकेला में उनके गिरोह द्वारा एक बैठक होने वाली है। जिसमें इनामी अपराधी मनोज सरकार भी शामिल होने वाला है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तैयारी की और प्रोफेशनल ढंग से नीमडीह के पास से मनोज सरकार को भी गिरफ्तार कर लिया। मनोज सरकार से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसने फरवरी 2020 में आदित्यपुर थाना क्षेत्र में जमीन कारोबारी रंजीत बेज की हत्या की थी। रंजीत बेच के हत्याकांड में प्रयुक्त पिस्टल भी पुलिस ने मनोज सरकार के पास से बरामद कर लिया है।
रंगदारी व रेलवे का टेंडर मैनेज करना है मुख्य काम
एसपी मोहम्मद अर्शी के अनुसार मनोज सरकार के गिरोह का मुख्य उद्देश्य है, बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर हावड़ा से उड़ीसा के झाड़सुगुड़ा तक रेलवे में ठेकेदारी हासिल करना और सरायकेला व जमशेदपुर में हो रहे जमीन कारोबार में अपना वर्चस्व स्थापित करना। मनोज सरकार रेलवे ठेकेदारों में अपना भय दिखा कर अपने पसंद के लोगों से अपना काम करवाता है और जो ठेकेदार इसकी बाद नहीं मानते या रंगदारी नहीं देते उनकी हत्या इनके गिरोह के द्वारा कर दी जाती है। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार सदस्यों ने पूर्व में कई कांडों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। मनोज सरकार ने जहां जमीन कारोबारी रंजीत बेज की हत्या में संलिप्तता स्वीकार की। वहीं पिछले दिनों आरआईटी थाना क्षेत्र में रेलवे निर्माणाधीन साइट पर हुई फायरिंग और रंगदारी के उद्देश्य में हाल ही में आमदा ओपी क्षेत्र में हुई फायरिंग में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
कौन-कौन पकड़ा गया
पुलिस ने गिरोह के सरगना मनोज सरकार, डोमनिक सैमसंग, अधीर प्रधान, दीपू ओझा, ग्यानी कुमार साहू, देवव्रत गोस्वामी उर्फ देबू दास, सुशांत प्रधान, संतोष बानरा, टोटन दत्ता और विजय साहू शामिल है। गिरफ्तार अपराधियों में मनोज सरकार पर नोवामुंडी, डांगवापोसी, चक्रधरपुर जमशेदपुर के गोलमुरी, परसुडीह व सरायकेला के आदित्यपुर थाना में कई अपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन ने वर्ष 2018 में सीसीए लगाया था। डोमनिक सैमसंग के विरुद्ध चक्रधरपुर जमशेदपुर के परसुडीह गोविंदपुर और आदित्यपुर थाना में कई मामले दर्ज है। अधीर प्रधान के ऊपर खरसावाँ थाना, जमशेदपुर के परसुडीह, चक्रधरपुर, कुचाई व आदित्यपुर थाना में कई मामले दर्ज हैं। दीपू ओझा के खिलाफ सिदगोड़ा थाना में कई कांड दर्ज किया गया है। फिलहाल सभी फरार चल रहे थे।
क्या क्या हुई बरामदगी
इनके पास से दो कार, 7.65 एमएम की दो पिस्टल, पांच देसी कट्टा, 7.65 एमएम की तीन जिंदा कारतूस, 3.15 एमएम की छह गोलियां व 10 मोबाइल फोन और वाई-फाई राउटर बरामद हुआ हैं।
मनोज ने अखिलेश सिंह के समानांतर खड़ा किया अपना गिरोह
मनोज सरकार ने परमजीत गिरोह से जुड़े गुर्गो के साथ मिलकर अखिलेश सिंह के सामांतर गिरोह खड़ा कर लिया है। इनमें सैमसंग, अधीर, सरफुउद्दीन, आदिल, कृष्णा राव, कार्तिक मुंडा, संतोष पाठक समेत कई शामिल है। इनकी योजना रेलवे ठेकेदारी, कंपनियों में ठेकेदारी, जमीन के खरीद-बिक्री के कारोबार में वर्चस्व कायम करने को फायरिंग और हत्या करने की है। शहर के बिल्डरों, व्यवसायियों और कारोबारियों को निशाना बनाना है ताकि गिरोह का दहशत फैल जाएं और आसानी से रंगदारी मिलने लगे।