सरायकेला : सात समंदर पार सैकडों के संख्या में विदेशी मेहमान साइबेरियन पक्षी हजारों मील की सफर तय कर चांडिल डैम पहुंच गए है। साइबेरियन पक्षी को साइबेरियन क्रेन भी कहा जाता है। साइबेरियन पक्षी के पहुंचने से पर्यटक काफी रोमांचित है। सरायकेला- खरसावां जिले के चांडिल स्थित चांडिल डैम में काफी संख्या में साइबेरियन पक्षी की मौजूदगी पर्यटकों को काफी लुभा रही है तथा यह पर्यटको को आकर्षित कर रही है। इनके कलरव से डैम के आसपास का क्षेत्र काफी रोमांचित है।
बर्ड सेंचुरी घोषित करने की मांग तेज
ठंड के मौसम के दस्तक देने के साथ ही सैकड़ो की संख्या में साइबेरियन क्रेन दिसम्बर माह में चांडिल डैम पहुंचते है तथा फरवरी माह तक चांडिल डैम में प्रवास करते है। फरवरी माह के बाद ये अपने वतन के लिए रवाना हो जाते है। चांडिल डैम की आबोहवा साइबेरियन पक्षी को काफी लुभाता है। डैम में मौजूद मछली और मछली को दिये जाने वाला चारा साइबेरियन पक्षी काफी चाव से खाते है। साइबेरियन पक्षी की मौजूदगी डैम की खूबसूरती को चार चांद लगा रही है। चांडिल डैम पहुंचने वाले इस साइबेरियन पक्षी की सुरक्षा समिति के सदस्य करते है। डैम में बढ़ते विदेशी पक्षियों की संख्या को देखते हुए लोग डैम एवं आसपास के क्षेत्र को बर्ड सेंचुरी घोषित करने की सरकार से मांग कर रहे है।