सरायकेला-खरसावां : जिले के चांडिल का सुकसारी पुनर्वास स्थल चांडिल डैम के दहलीज पर स्थित रहने के बावजूद यहां के विस्थापित पेयजल संकट से जूझ रहा है। पुनर्वास स्थल के करीब छह सौ घर मात्र दो जलमीनार के भरोसे है। विस्थापित दूर-दराज से पानी लाने के लिए मजबूर हैं जबकि गर्मी ने अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। पुनर्वास स्थल में कुछ वर्ष पहले पीएचडी विभाग की ओर से 26 लाख की लागत से जलमीनार का निर्माण कराया गया था। लेकिन एक माह बाद
ही यह जलमीनार अनियमितता की भेंट चढ़ गया और एक माह बाद ही खराब हो गया। आज बंद पड़ा हुआ है। पुनर्वास स्थल स्थित अधिकांश चापानल खराब पड़ा हुआ है। विभागीय उदासीनता एवं जनप्रतिनिधि की लापरवाही के कारण सुकसारी पुनर्वास स्थल के सैकड़ों विस्थापित परिवार को शुद्ध पेयजल के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है। चांडिल डैम के निर्माण के दौरान सरकार ने कहा था कि चांडिल डैम के विस्थापितों को सुव्यवस्थित ढंग से बसाया जाएगा तथा पुनर्वास स्थल में मूलभूत सुविधाएं बहाल होगी। विस्थापितों ने सुकसारी पुनर्वास स्थल पर मूलभूत सुविधा बहाल करने की मांग को लेकर कई बार ज्ञापन सौंपा परंतु, परिणाम अब तक ढाक के तीन पात ही निकला है ।